मार्गशीर्ष अमावस्या पर बन रहे ये शुभ-अशुभ योग

सूर्यास्त: सायं 05 बजकर 26 मिनट पर
चंद्रोदय: आज चंद्रोदय नहीं होगा
चंद्रास्त: सायं 05 बजकर 13 मिनट पर
सूर्य राशि: वृश्चिक
चन्द्रमा की राशि: वृश्चिक
आज के शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक
अमृत काल: 21 नवंबर को रात्रि 02 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 03 बजे मिनट
आज के अशुभ समय
राहुकाल: दोपहर 01 बजकर 26 मिनट से दोपहर 02 बजकर 46 मिनट तक
गुलिकाल: प्रातः 09 बजकर 27 मिनट से प्रातः 10 बजकर 47 मिनट तक
यमगण्ड: प्रातः 06 बजकर 48 मिनट से प्रातः 08 बजकर 07 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव विशाखा नक्षत्र में रहेंगे।
विशाखा नक्षत्र: प्रातः 10 बजकर 58 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: ईर्ष्यालु, क्रोधी, ईश्वर-भक्त, ईमानदार, महत्वाकांक्षी, योद्धा स्वभाव, धैर्यवान, हास्यप्रिय और मिलनसार
नक्षत्र स्वामी: बृहस्पति देव
राशि स्वामी: शुक्र देव, मंगल देव
देवता: इंद्राग्नि – यज्ञ के देवता
प्रतीक: विजय का मेहराब या कुम्हार का चाक
मार्गशीर्ष अमावस्या का धार्मिक महत्व
मार्गशीर्ष अमावस्या, जो वर्ष 2025 में आज यानी 20 नवंबर को मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में पितृ तर्पण, दान और आध्यात्मिक साधना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस दिन श्रद्धालु प्रातःकाल स्नान कर भगवान विष्णु और शिव की पूजा करते हैं। तर्पण, दीपदान और तिलदान करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और परिवार पर संरक्षण व शांति बनी रहती है। नदी या सरोवर में स्नान का विशेष पुण्य बताया गया है। मार्गशीर्ष अमावस्या आत्मचिंतन, नकारात्मकता दूर करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने का उत्तम अवसर प्रदान करती है।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर क्या करें?
प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ व्रत-उपयुक्त वस्त्र पहनें।
पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान या जल अर्पण करें।
भगवान विष्णु, शिव और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
दीपदान करें विशेषकर जल, तुलसी या मंदिर में दिया जलाएं।
तिल, गुड़, कंबल, अन्न या वस्त्र का दान करें।
नदी, सरोवर या घर के स्वच्छ जल में स्नान करने से विशेष पुण्य मिलता है।
दिनभर संयम, साधना और मंत्रजप करें।
जरूरतमंदों को भोजन कराना अत्यंत शुभ माना जाता है।





