अफगानिस्तान जल्द ही भारत में तालिबान शासन के राजनयिक की करेगा नियुक्ति

हाल में ही अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने भारत की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। इसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में एक नई उड़ान देखने को मिल रही है। अब अफगानिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है।

दरअसल, जल्द ही अफगानिस्तान के तालिबान शासन की ओर से भारत में एक राजनयिक की भी नियुक्ति होने वाली है। माना जा रहा है कि इस कदम से दोनों देशों के रिश्ते और अधिक गहरे होंगे।

तालिबान शासन भारत में करेगा राजनयिक की नियुक्ति

टीओआई की की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2025 या जनवरी 2026 की शुरुआत में इस राजनयिक के बाद एक और राजनयिक नियुक्त किया जाएगा। इस बात की जानकारी काबुल ने भारतीय अधिकारियों को दी है।

ध्यान दिया जाना चाहिए कि साल 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान शासन के आने के बाद भारत में पहली बार किसी तालिबानी राजनयिक की नियुक्ति होने जा रही है।

भारत और अफगानिस्तान के मजबूत होते संबंध

बता दें कि भारत और अफगानिस्तान के संबंधों में लगातार प्रगति देखने को मिल रही है। पिछले दिनों अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने भारत की यात्रा की थी। वह कई दिन भारत में रहे। अफगानी विदेश मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। उन्होंने एक बयान में यह भी कहा था कि भारत हर परिस्थिति में अफगानिस्तान के साथ खड़ा रहा है।

गौरतलब है कि भारत ने भले ही काबुल की सत्ता को आधिकारिक मान्यता न दी हो, लेकिन इसके बावजूद भी तालिबानी मुल्क को लगातार मदद करते रहा है। वहीं, कई स्थितियों में मेडिकल सप्लाई पहुंचाकर एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में भारत ने अपनी भूमिका निभाई है।

पाकिस्तान को लगेगी मिर्ची

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्ताकी की भारत यात्रा ने पाकिस्तान को चुभी थी। पाकिस्तान ने भारत और अफगानिस्तान पर कई आरोप जड़ दिए। भारत में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्ताकी ने जम्मू कश्मीर पर भारत की संप्रभुता का समर्थन किया। उनके इस बयान से पाकिस्तान को मिर्ची लगी। इसके साथ ही भारत ने भी अफगानिस्तान की संप्रभुता और अखंडता का जोरदार समर्थन किया है।

वर्तमान में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंध बेहद खराब हो चले हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीमा पर दोनों देशों के बीच हुई झड़प से हालात और खराब हुए हैं। दोनों देशों के बीच वर्तमान में सीजफाय लागू है, बावजूद इसके तनाव बढ़ने का खतरा अभी टला नहीं है।

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