इंदौर में बनेगा प्रदेश का पहला ऑक्सीजन गार्डन

इंदौर के कनाड़िया क्षेत्र में प्रदेश का पहला ऑक्सीजन गार्डन विकसित किया जाएगा। इस गार्डन में प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन देने वाले एक लाख पौधे लगाए जाएंगे। पौधारोपण की शुरुआत 14 सितंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा की जाएगी। इस अवसर पर एक विशाल कार्यक्रम आयोजित होगा जिसकी व्यापक तैयारियां प्रारंभ हो चुकी हैं।

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को साकार करने के लिए इस गार्डन में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के अंतर्गत पौधारोपण होगा। साथ ही “एक बगिया मां के नाम” परियोजना के तहत अतिथियों द्वारा फलदार पौधों का भी रोपण किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने देश में पर्यावरण सुधार और हरित भारत के लक्ष्य के तहत 141 करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लिया है, जिसे प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में साकार किया जा रहा है।

कनाड़िया क्षेत्र में होगा पौधारोपण
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इस अभियान को मूर्त रूप देने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की और कनाड़िया क्षेत्र की पहाड़ी का निरीक्षण भी किया। उन्होंने बताया कि गुलमर्ग परिसर के पीछे 28 बीघा पहाड़ी क्षेत्र पर एक लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। यह क्षेत्र हरियाली से आच्छादित होकर इंदौर का प्रमुख पर्यावरणीय केंद्र बनेगा। पहली बार पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन गार्डन की संकल्पना साकार होगी, जो शुद्ध वायु और नागरिक स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित होगी। इस पहाड़ी पर नीम, पीपल, बरगद, शीशम, कदम, करंज, सिंदूर, मोरसली, कोअर्जुन, टेबोबिया, अशोक, कचनार और उंबर जैसे पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही फलदार प्रजातियों में आम, सीताफल, जामफल, जामुन, आंवला, शहतूत, कटहल, बादाम, महुआ, पारसपीपल और रेन ट्री का रोपण होगा।

पक्षियों और पर्यावरण का नया केंद्र
ऑक्सीजन गार्डन के रूप में विकसित यह क्षेत्र न केवल स्वच्छता और हरियाली को बढ़ाएगा, बल्कि पक्षियों के लिए आकर्षण का केन्द्र भी बनेगा। विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों का यहां आवागमन होगा, जिससे यह स्थान पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ पक्षी विहार और पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित होगा। नागरिकों के लिए यह क्षेत्र स्वास्थ्यवर्धक वातावरण प्रदान करेगा। मंत्री सिलावट ने निर्देश दिए कि गुलमर्ग परिसर के ट्रीटमेंट प्लांट से पानी की सप्लाई के लिए पाइपलाइन डाली जाए, ताकि पौधों को पर्याप्त पोषण मिल सके और वे सुरक्षित रूप से विकसित हो सकें।

जनभागीदारी से बनेगा अभियान सफल
यह अभियान केवल सरकारी स्तर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा। इसमें इंदौर के प्रबुद्धजन, पद्मश्री और पद्मभूषण सम्मानित व्यक्तित्व, व्यापारी संगठन, समाजसेवी, धर्मगुरु, किसान संगठन और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इस अभियान को व्यापक जनसहयोग से संपन्न करने की योजना बनाई गई है। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित और स्वच्छ जीवन देने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम के रूप में याद रखी जाएगी।

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