संयुक्त राष्ट्र महासभा मंच पर ट्रंप की वापसी, दूसरे कार्यकाल का पहला भाषण

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 23 सितंबर को 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेंगे। यह उनके दूसरे कार्यकाल का पहला और कुल मिलाकर पांचवां भाषण होगा। दुनियाभर की नजर उनके संबोधन पर टिकी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले महीने 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क जाएंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने गुरुवार को पुष्टि की कि ट्रंप 22 सितंबर को न्यूयॉर्क पहुंचेंगे और 23 सितंबर को महासभा को संबोधित करेंगे। यह ट्रंप का संयुक्त राष्ट्र में पांचवां भाषण होगा, लेकिन उनके दूसरे कार्यकाल का पहला। इससे पहले ट्रंप ने 2017 से 2020 के बीच अपने पहले कार्यकाल में चार बार यूएनजीए को संबोधित किया था।
इस बार क्या होगा खास?
बता दें कि इस साल की महासभा की 80वीं बैठक 9 सितंबर 2025 को शुरू होगी। इसके दो हफ्ते बाद, 23 सितंबर से उच्च स्तरीय जनरल डिबेट शुरू होगा, जिसमें ट्रंप सहित विश्व नेताओं के भाषण होंगे। संयुक्त राष्ट्र महासभा दुनिया की 193 सदस्य देशों का ऐसा मंच है जहां सभी को बराबर का वोट मिलता है और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होती है। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी पर अब दुनियाभर की नजर रहेगी कि वे इस बार क्या संदेश देते हैं।
पिछले चार भाषण में ट्रंप ने क्या कहा?
अब बात अगर ट्रंप के पिछले यूएन भाषण की करें तो 2017 में अपने पहले यूएन भाषण में ट्रंप ने उत्तर कोरिया को पूरी तरह नष्ट करने की चेतावनी दी थी और किम जोंग-उन को रॉकेट मैन कहा। वहीं 2018 में उन्होंने अमेरिका फर्स्ट नीति के तहत वैश्वीकरण का विरोध किया। 2019 में उनका फोकस राष्ट्रवाद, चीन पर टैरिफ, ईरान और अवैध प्रवास पर रहा। इसके साथ ही 2020 में उन्होंने रिकॉर्डेड भाषण में चीन को कोरोना वायरस फैलाने का दोषी ठहराया और अपने मध्य-पूर्व शांति समझौतों को उजागर किया।
रूस के यूक्रेन पर हवाई हमलों पर ट्रंप ने जताई नाराजगी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए बड़े हवाई हमलों को लेकर नाराजगी जताई हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि ट्रंप इस खबर से संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन यह उनकी आश्चर्य की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चाहते हैं कि युद्ध जल्द खत्म हो, लेकिन इसके लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की को भी इस पर सहमत होना होगा।
रूस ने गुरुवार को यूक्रेन के कई सैन्य ठिकानों पर लंबी दूरी के हवाई हमले किए, जिनमें हाइपरसोनिक मिसाइलें भी शामिल थीं। इन हमलों में कम से कम 19 लोग मारे गए, जिनमें चार बच्चे भी शामिल हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस बार के हमले युद्ध शुरू होने के बाद सबसे बड़े हमलों में से एक थे। यूक्रेन की सेना ने अधिकांश ड्रोन और मिसाइलें रोक लीं, लेकिन कुछ हमलों में कई स्थानों को नुकसान पहुंचा।
मेडिकल कॉलेजों में बढ़ता सौर ऊर्जा का इस्तेमाल
नई दिल्ली स्थित सीईओएच- सीसीएच (पर्यावरण एवं व्यावसायिक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन एवं स्वास्थ्य केंद्र) की रिपोर्ट बताती है कि देश के कई मेडिकल कॉलेज अब खुद अपनी बिजली सौर ऊर्जा से पैदा कर रहे हैं।