बिहार के सरकारी अस्पतालों में अब नहीं चलेगा दवाओं पर झूठ 

सरकारी अस्पतालों में कौन सी दबा है, या नहीं है? इस बात का पता अब सरलता से कर सकते हैं। सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि एक क्यूआर कोड स्कैन करते ही आपको उपलब्ध दवाओं की जानकारी मिल जाएगी।

अब बिहार के सरकारी अस्पतालों के मुफ्त दवा वितरण केंद्रों पर मरीजों को यह झूठ नहीं सुनना पड़ेगा कि दवा उपलब्ध नहीं है। सरकार ने ऐसी व्यवस्था कर दी है, जिससे मरीज खुद पता कर सकेंगे कि अस्पताल में कौन-कौन सी दवाएं मौजूद हैं। अस्पतालों के दवा वितरण काउंटर पर QR कोड लगाया गया है। मरीज या उनके परिजन मोबाइल से इस QR कोड को स्कैन करते ही तुरंत देख पाएंगे कि उस समय अस्पताल में कौन-कौन सी दवाएं उपलब्ध हैं। औरंगाबाद जिले में लोग इस पहल की तारीफ कर रहे हैं। साथ ही कहा कि अब कोई झूठ नहीं बोल पाएगा।ये जिले के एक सरकारी अस्पताल का चित्र है, जहां पंक्तियों में मरीज लगे हुए हैं। वहीं, दीवार पर एक क्यूआर कोड लगा हुआ दिख रहा है। ऐसे क्यूआर कोड अन्य सरकारी अस्पतालों में आपको लगे हुए मिलेंगे। सिर्फ इनको मोबाइल पर स्कैन करते ही सारी जानकारी आपके फोन पर होगी।

स्वास्थ्य कर्मियों पर लगेगी लगाम
अक्सर शिकायतें मिलती थीं कि दवा उपलब्ध होने के बावजूद कर्मी मरीजों को मना कर देते थे और मरीज मजबूरी में बाहर से दवा खरीदते थे। अब ऐसा नहीं हो सकेगा। अगर कोई कर्मी दवा न होने की बात कहेगा, तो मरीज QR कोड स्कैन कर सच्चाई पता कर सकता है।

रीयल टाइम अपडेट
औरंगाबाद सदर अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक प्रफुल्ल कांत निराला ने बताया कि यह व्यवस्था पूरी तरह रीयल टाइम होगी। यानी QR कोड स्कैन करते ही उसी समय उपलब्ध दवाओं की सही-सही जानकारी सामने आ जाएगी। अगर किसी कर्मी द्वारा गलत जानकारी दी जाती है, तो मरीज सीधे अस्पताल प्रशासन से शिकायत कर सकते हैं और उस पर तुरंत कार्रवाई होगी।

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