सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी को वर्चुअली गिरफ्तार कर लूटे 1.2 करोड़ रुपये

पीड़ित ने 40-40 लाख की तीन किस्त जालसाजों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी। जब जालसाजों ने पीड़ित का पैसा वापस नहीं लौटाया तो उन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला और उन्होंने 22 अगस्त को पुलिस में शिकायत की।
केरल के एर्नाकुलम जिले के वेंगोला निवासी एक सेवानिवृत्त सरकार कर्मचारी को वर्चुअल गिरफ्तार कर 1.2 करोड़ रुपये लूटने का मामला सामने आया है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और लूटे गए 1.2 करोड़ रुपये में से 35 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं। पुलिस ने बताया कि साइबर अपराधियों ने सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी को नकली पुलिस अधिकारी बनकर अपना निशाना बनाया। पीड़ित ने बीती 22 अगस्त को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
जालसाजों ने बुजुर्ग को ऐसे बनाया निशाना
74 वर्षीय पीड़ित बुजुर्ग ने एर्नाकुलम ग्रामीण साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में पीड़ित ने बताया कि 15 अगस्त को उसे एक वॉट्सएप कॉल आया था। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी प्रवीण बताया था। जालसाज ने दावा किया कि उन्होंने एक प्रतिबंधित सामान की तस्करी की कोशिश को नाकाम किया है और प्रतिबंधित सामान को जब्त किया है। जालसाज ने पीड़ित को बताया कि जब्त सामान पर पीड़ित का नाम और आईडी का इस्तेमाल किया गया है। पीड़ित ने शिकायत में बताया कि वह ये सुनकर घबरा गए।
आरोपी ने बुजुर्ग को वर्चुअली गिरफ्तार करने की बात कही और कहा कि अगर उन्होंने अपनी बेगुनाही साबित नहीं की तो हकीकत में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित के बैंक खाते की जानकारी मांगी और कहा कि बैंक में जो भी पैसा होगा, वो उन्हें लौटा दिया जाएगा। इस पर पीड़ित ने 40-40 लाख की तीन किस्त जालसाजों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी। जब जालसाजों ने पीड़ित का पैसा वापस नहीं लौटाया तो उन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला और उन्होंने 22 अगस्त को पुलिस में शिकायत की।
केरल में साइबर धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए
पुलिस ने बताए गए बैंक खातों से 35 लाख रुपये जब्त कर लिए हैं, लेकिन बाकी रकम जालसाज निकालने में कामयाब रहे। अब पुलिस उनकी जांच में जुटी है। केरल में साइबर धोखाधड़ी एक गंभीर चिंता का कारण बन गई है। केरल पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, साइबर धोखेबाजों ने 2024 में राज्य से 763 करोड़ रुपये उड़ा लिए। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे साइबर अपराध हेल्पलाइन (1930) के माध्यम से ऐसी साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं की तुरंत रिपोर्ट करें और ऐसे घोटालों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।