सावन सोमवार: सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़

सावन के पहले सोमवार पर हर-हर महादेव के जयकारों से राजधानी भोपाल गुंज रही हैं। शहर के मंदिरों में पूजा अर्चना करने भक्त पहुंच रहे हैं। भोपाल से 30 किलोमीटर दूर भोजपुर मंदिर में भक्तों की सुबह से ही भीड़ देखी जा रही है।

आज सावन के पहले सोमवार पर हर-हर महादेव के जयकारों से राजधानी भोपाल गुंज रही हैं। शहर के मंदिरों में पूजा अर्चना करने भक्त पहुंच रहे हैं। भोपाल से 30 किलोमीटर दूर भोजपुर मंदिर में भक्तों की सुबह से ही भीड़ देखी जा रही है। भोजपुर में विराजमान महादेव की एक अलग ही प्रसिद्धी है कहा जाता है पांडवों द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। वही मंदिर को लेकर एक कथा यह भी है कि एक ही रात्रि में इस मंदिर का निर्माण किया गया था।

दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं भक्त
सावन के महीने में भोजपुर में भगवान महादेव के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। काफी संख्या में भीड़ यहां भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने आती है तो वही आज सावन के पहले सोमवार को भोजपुर में काफी संख्या में भक्तों का आना-जाना रहा सुबह 4 बजे से ही भक्तों का भोजपुर आना-जाना शुरू हो गया तो वहीं बम-बम के नारों से भोजपुर का शिवालय गूंज उठा लोग बेलपत्र और शिव पूजा में लगने वाली अनेकों प्रकार की सामग्री लेकर भगवान भोलेनाथ को अर्पित करने भोजपुर पहुंच रहे हैं और भगवान भोलेनाथ से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की अर्जी लगा रहे हैं।

सावन के सोमवार की पूजन विधि
प्रातः काल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर पर ही शिवलिंग स्थापित कर सकते हैं, या नजदीकी शिव मंदिर जाएं। शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, आक-धतूरा, सफेद फूल अर्पित करें। कम से कम 108 बार “ऊं नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। व्रतधारी दिनभर फलाहार कर सकते हैं और शाम को शिव आरती करें। सायंकाल भगवान के मंत्रों का फिर जाप करें, तथा उनकी आरती करें। अगले दिन पहले अन्न वस्त्र का दान करें तब जाकर व्रत का पारायण करें।

सावन सोमवार पूजा का धार्मिक महत्व
भगवान शिव की पूजा खासतौर से सोमवार को की जाती है। मान्यता है कि वैवाहिक जीवन के लिए शिव जी की पूजा सोमवार को करने से परेशानियां दूर होती हैं। कुंवारी कन्याएं इस व्रत को विशेष श्रद्धा से करती हैं ताकि उन्हें मनचाहा वर प्राप्त हो। यह व्रत नकारात्मक ऊर्जा, रोग और दरिद्रता को दूर करने में सहायक माना जाता है।इसके अलावा स्वास्थ्य, संतान और आर्थिक समस्याएं भी दूर होती हैं। सावन के सोमवार को शिव जी की पूजा सर्वोत्तम होती है. इसमें मुख्य रूप से शिव लिंग की पूजा होती है और उस पर जल तथा बेल पत्र अर्पित किया जाता है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker