दिल्ली-हरियाणा में आज भारी बारिश के आसार, हिमाचल में बाढ़-भूस्खलन से हालात खराब; यूपी में व्रजपात का कहर

उत्तर भारत में मानसूनी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। हालांकि दिल्ली-यूपी समेत पूरे एनसीआर तीन दिन से भारी बारिश नहीं पड़ी है। जिससे उमस हो गई है। शुक्रवार को दिल्ली के विभिन्न इलाकों में कहीं हल्की और कहीं थोड़ी अच्छी वर्षा हुई। लेकिन उमस भरी गर्मी से तब भी निजात नहीं मिली। पसीने से दिल्ली वासियों का हाल बेहाल ही रहा।

आज हो सकती है भारी बारिश
वहीं, मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि आज दिल्ली हरियाणा समेत पंजाब यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और झारखंड आदि राज्यों में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि शनिवार को दिन भर बादल छाए रहेंगे। गर्जन वाले बादल बनने, बिजली चमकने और हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा होने के भी आसार हैं।

मंडी जिले से लापता 56 लोगों की तलाश जारी
हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित मंडी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी आई है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के बाद सेना के जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया है।

नौ किमी पैदल चलकर गांव पहुंची NDRF की टीम
एनडीआरएफ के जवानों ने शुक्रवार को सराज हलके के देजी गांव से 65 लोगों को सुरक्षित निकाला है। ये सभी लोग बाढ व भूस्खलन के कारण रास्ते टूटने से फंसे हुए थे। एनडीआरएफ की टीम दुर्गम रास्तों से नौ किलोमीटर पैदल चलकर देजी गांव पहुंची। सबसे पहले बीमार लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। बाद में उन्हें राहत शिविर में पहुंचाया गया।

उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि गांव तक पहुंचना आसान नहीं था। रास्ते जगह-जगह से कट चुके थे, भूस्खलन की वजह से लगातार पत्थर गिर रहे थे और बारिश ने हालात और भी मुश्किल बना दिए थे। बावजूद इसके प्रशासन, एनडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवकों के समन्वित प्रयासों से यह अभियान सफल हो पाया।

वायु सेना के हेलीकाप्टर से राहत सामग्री भेजी जा रही
मंडी जिले में 30 जून को बादल फटने से आई बाढ़ व भूस्खलन की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या 17 हो गई है। एक महिला का शव गुरुवार देर शाम कांगड़ा जिले ब्यास नदी से मिला है। 56 लोग अभी लापता हैं। वायु सेना के हेलीकाप्टर से राहत सामग्री भेजी जा रही है। लापता लोगों की ड्रोन से तलाश की जा रही है। फिलहाल मुख्यालय चारों ओर से कटा हुआ है। बिजली व दूरसंचार सेवाएं आंशिक रूप से बहाल कर दी गई है।

केदारनाथ पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त, छह घंटे बाधित रही यात्रा
उत्तराखंड में लगातार हो रही वर्षा चारधाम यात्रा में खलल डाल रही है। शुक्रवार को भारी वर्षा से केदारनाथ पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने से यात्रा छह घंटे बाधित रही। दोपहर लगभग 12 बजे मार्ग खुलने पर गौरीकुंड से तीर्थ यात्रियों को पैदल मार्ग पर जाने की अनुमति दी गई। इस दौरान धाम से लौट रहे 500 तीर्थयात्रियों को भी सकुशल गौरीकुंड पहुंचाया।

यमुनोत्री हाईवे शुक्रवार को छठे दिन भी नहीं खुल पाया
वहीं, कर्णप्रयाग में उमट्टा पुलिया के पास भूस्खलन होने से सुबह पांच से 10 बजे तक बदरीनाथ हाईवे बाधित रहा। इस दौरान पुलिस-प्रशासन ने छोटे वाहनों को कर्णप्रयाग-सिवाई-कालेश्वर होते हुए निकाला। यमुनोत्री हाईवे शुक्रवार को छठे दिन भी नहीं खुल पाया है।

हाईवे को खोलने के लिए सिलाई बैंड पहुंचे बेली ब्रिज के सामान को ओजरी पहुंचाया जा रहा है। इसके बाद ओजरी में बेली ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इस कार्य में एक सप्ताह का समय लग सकता है।

उप्र में बारिश से तबाही, 10 की मौत
उत्तर प्रदेश में बारिश के साथ वज्रपात ने तबाही मचाई है। इसकी चपेट में आने से अलग अलग जिलों में 10 लोगों की मौत हो गई जबकि 10 लोग झुलस गए। पूर्वांचल में सबसे अधिक जानें गई हैं।

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