शेख हसीना के खिलाफ इंटरपोल से बांग्लादेश ने मांगी मदद

पिछले साल 5 अगस्त को हिंसा के बाद भारत में शरण ले चुकीं शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश ने इंटरपोल से मदद मांगी है। बांग्लादेश पुलिस के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (NCB) ने पूर्व पीएम शेख हसीना समेत 12 लोगों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध इंटरपोल से किया है।

पुलिस मुख्यालय में सहायक महानिरीक्षक इनामुल हक सागर ने कहा कि एनसीबी अदालतों, सरकारी अभियोजकों या जांच एजेंसियों से मिली अपीलों के आधार पर इंटरपोल से ऐसे अनुरोध करती है।

ये आवेदन उन आरोपों के संबंध में दायर किए जाते हैं, जो जांच के दौरान या चल रही केस कार्यवाही के माध्यम से सामने आते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विदेश में रहने वाले भगोड़ों के ठिकानों की पहचान करने में इंटरपोल अहम भूमिका निभाता है।

न्यायाधिकरण ने दिया था आदेश
पिछले साल नवंबर महीने में बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक कार्यालय ने पुलिस से कहा था कि वह शेख हसीना और अन्य भगोड़ों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने में इंटरपोल की सहायता ले।

5 अगस्त को छोड़ना पड़ा था देश
पिछले साल जुलाई महीने में बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का आंदोलन भड़का था। लगभग एक महीने तक यह आंदोलन चला। बाद में पांच अगस्त आंदोलन ने सरकार विरोधी रुख अपना लिया। राजधानी ढाका में भारी हिंसा के बाद शेख हसीना को अपना पद और देश दोनों छोड़ना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तब से शेख हसीना भारत में हैं। शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पिछले 16 साल से बांग्लादेश की सत्ता में थी।

गिरफ्तारी वारंट हो चुका जारी
शेख हसीना के देश छोड़ने के तीन दिन बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ। मोहम्मद यूनुस इस सरकार के प्रमुख बने। यूनुस सरकार ने शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में केस चलाया। न्यायाधिकरण ने शेख हसीना, उनके मंत्रियों और सहयोगियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था।

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