दिल्ली: एम्स में कम होगा इलाज का इंतजार, CAPFIMS भी होगा शुरू

मौजूदा समय में कई विभागों में डॉक्टरों के अभाव में मरीजों को ओपीडी व सर्जरी के लिए समय नहीं मिल पाता। कई विभागों में ओपीडी की ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के लिए मरीजों को दो माह तक का इंतजार करना पड़ रहा है।

एम्स में इलाज करवाने आ रहे मरीजों का इंतजार अब कम होगा। मरीजों की सुविधा के लिए करीब तीन साल बाद एम्स प्रशासन ने स्थायी डॉक्टरों की नियुक्ति शुरू की है। मौजूदा समय में कई विभागों में डॉक्टरों के अभाव में मरीजों को ओपीडी व सर्जरी के लिए समय नहीं मिल पाता।

कई विभागों में ओपीडी की ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के लिए मरीजों को दो माह तक का इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि ओपीडी की लाइन में लगे ज्यादातर लोगों को टोकन तक नहीं मिल पाता। इसके अलावा मरीजों की सुविधा के लिए दक्षिणी दिल्ली के मैदान गढ़ी में बने एम्स-सीएपीएफआईएमएस (सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) में भी डॉक्टरों की नियुक्ति शुरू हो गई है। इसके शुरू होने के बाद इस अस्पताल में भी आम लोग इलाज करवाने जा सकेंगे।

एम्स की ओपीडी में रोजाना 15 हजार के करीब मरीज इलाज करवाने आते हैं। एम्स प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक अगले 8-9 माह में सहायक प्रोफेसर स्तर के 265 डाॅक्टर नियुक्त किए जाएंगे। इसके लिए डॉक्टर 15 मई से आवेदन कर सकते हैं। एम्स में फैकल्टी स्तर के डाॅक्टरों के 1235 पद हैं। इसमें से 430 पद खाली हैं। डॉक्टरों की संख्या कम होने के कारण मरीजों का इलाज प्रभावित होता है। वर्ष 2021 के बाद एम्स में सहायक प्रोफेसरों की स्थायी नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं हुई थी। पिछले वर्ष अनुबंध पर कुछ सहायक प्रोफेसर नियुक्त किए थे।

मरीजों को मिलेगा विकल्प
एम्स-सीएपीएफआईएमएस में नियुक्ति के लिए एम्स ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व अतिरिक्त प्रोफेसर स्तर के 172 डाॅक्टर नियुक्त किए जाएंगे। इसके अलावा 27 प्रोफेसरों की भी सीधी भर्ती होगी। इनमें से कुछ प्रोफेसर अनुबंध पर भी नियुक्त होंगे। इस अस्पताल को एम्स चलाएगा।

डॉक्टरों की माने तो डॉक्टरों की नियुक्ति होने के साथ ही अस्पताल को शुरू किया जा सकेगा। इस अस्पताल के शुरू होने के बाद एम्स में मरीजों का बोझ कुछ कम हो पाएगा। एम्स-सीएपीएफआइएमएस में मेडिकल कालेज शुरू होने पर इसमें एमबीबीएस की 100 सीटें होंगी। इस अस्पताल में मेडिकल कालेज, नर्सिंग व पैरामेडिकल कालेज, हाॅस्टल, डाॅक्टरों व कर्मचारियों के लिए आवास की भी सुविधा होगी।

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