यात्रियों की पीक सीजन में बढ़ेंगी मुश्किलें, दिल्ली-यूपी के लिए उत्तराखंड रोडवेज बसों की होगी कमी

दिल्ली और यूपी के मेरठ, गाजियाबाद आदि रूटों के लिए उत्तराखंड रोडवेज बसों का संकट फिर शुरू हो सकता है। दिल्ली सरकार ने पुरानी बसों के लिए जो छूट दी थी, उसकी समय सीमा 31 मार्च को खत्म होने जा रही है।

ऐसे में दिल्ली में यदि सरकार समय अवधि नहीं बढ़ाती है तो उत्तराखंड रोडवेज की 150 से ज्यादा पुरानी बसों की एंट्री दिल्ली में बंद हो सकती है। पीक सीजन में बसों के संकट से परेशानी बढ़ सकती है।

बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल्ली सरकार कई बार बीएस-3 और बीएस-4 बसों की एंट्री बंद कर चुकी है। उत्तराखंड रोडवेज प्रबंधन के अनुरोध पर बसों को बार-बार छूट दी गई। अब छूट अवधि 31 मार्च को खत्म होने जा रही है।

ऐसे में दिल्ली में फिर से पुरानी बसों की एंट्री बंद हो सकती है। ऐसे में उत्तराखंड की 130 बीएस-6 और 187 सीएनजी बसें ही दिल्ली में प्रवेश कर पाएंगी। हालांकि, रोडवेज के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार को उत्तराखंड की बसों को छूट देने के लिए पत्र भेजा चुका है।

दिल्ली के एआरएम को भी सूचित किया गया है कि यदि बसों को लेकर कोई फैसला होता है तो अवगत करवाएं। फिलहाल बसों की एंट्री बंद करने को लेकर हमारे पास कोई पत्र नहीं आया।

प्रबंध निदेशक, रोडवेज रीना जोशी कहत हैं कि दिल्ली में बसों का संचालन हो रहा है। एक अप्रैल से पुरानी बसों के दिल्ली में प्रवेश बंद होने को लेकर हमारे पास जानकारी नहीं है। दिल्ली के लिए हमारे पास 250 से ज्यादा बीएस-6 और सीएनजी बसें हैं।

वॉल्वो बसें नहीं मिलेंगी

दिल्ली के लिए वॉल्वो का बड़ा संकट होगा। रोडवेज के पास 53 वॉल्वो बसें हैं, इसमें सिर्फ 12 बसें ही बीएस-6 हैं। यदि पुरानी बसों की एंट्री बंद हुई तो दिल्ली के लिए वॉल्वो नहीं मिल पाएगी। यात्रियों को निजी बस या टैक्सियों से सफर करना पड़ेगा।

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