भूपेश बघेल के घर ED की छापेमारी से भड़के कांग्रेस कार्यकर्ता, पुलिस के साथ की धक्का मुक्की

छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाला मामले में पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल और उनके बेटे के घर समेत कई जगहों पर ईडी की छापेमारी जारी है। ईडी की टीम ने भिलाई-3 पदुम नगर स्थित घर के साथ-साथ अन्य 14 ठिकानों पर छापेमारी की है, जहां महत्वपूर्ण दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है। जानकारी के मुताबिक चैतन्य बघेल अपने पिता के साथ भिलाई में रहते हैं, उस परिसर पर भी छापे मारे गए। ईडी को शक है कि वह (चैतन्य बघेल) शराब घोटाले से हुई आय के प्राप्तकर्ता हैं। राज्य में करीब 14-15 परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं।
कांग्रेस का हंगामा
इसी बीच, प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सुबह से ही गहमा गहमी बनी हुई है। उधर भूपेश बघेल के घर के बाहर पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच धक्कीमुक्की भी हुई है। इससे पहले कांग्रेस विधायकों ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में हंगामा किया।
सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन में आसन के पास आने के बाद कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने प्रश्नकाल में व्यवधान डाला और ईडी की छापेमारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने दावा किया कि सरकार में कथित भ्रष्टाचार पर सवाल उठाने वालों को केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल कर निशाना बनाया जा रहा है।
उमेश पटेल समेत कांग्रेस सदस्यों ने सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और दावा किया कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।
बता दें, ईडी ने पहले में कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले’ के कारण राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ और अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में गई।
इस मामले में ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता ऐजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था।
ईडी के अनुसार कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच किया गया था और तब छत्तीसगढ़ में बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। इस जांच के तहत ईडी ने अब तक विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।