मंटू शर्मा समेत 110 बदमाशों की संपत्ति होगी जब्त, पुलिस मुख्यालय ने दिए निर्देश

 अपराध व गैरकानूनी ढंग से संपत्ति अर्जित करने वाले जिले के 110 बदमाशों की संपत्ति जब्त करने की पहल तेज कर दी गई है। थाने से भेजे गए प्रस्ताव के बाद विशेष टीम अंचल कार्यालय, निबंधन व आयकर विभाग से इन सभी बदमाशों की संपत्ति के बारे में जानकारी जुटा रही है। पूरी विवरणी आने के बाद संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिन बदमाशों की संपत्ति जब्त की जाएगी। इसमें प्रद्युमन शर्मा उर्फ मंटू शर्मा, गोविंद शर्मा, चुन्नू ठाकुर, छोटू राणा, शराब धंधेबाज सूरज गुप्ता व नंदू राय समेत अन्य के नाम मुख्य रूप से शामिल है। पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय की ओर से इस संबंध में विशेष निर्देश दिए गए थे।

मिशन पर काम कर रही स्पेशल टीम

इसमें अपराध व गैरकानूनी ढंग से संपत्ति अर्जित करने वाले बदमाशों की सूची मांगी गई थी। वरीय अधिकारी के आदेश के बाद प्रत्येक थाने से दो व इससे अधिक बदमाशों की सूची एसएसपी काार्यालय को भेजी गई थी। इस पर विशेष टीम काम कर रही है।

पिछले दिनों मासिक अपराध समीक्षा बैठक में एसएसपी सुशील कुमार ने सभी थानाध्यक्षों से अपराध से संपत्ति अर्जित करने वाले दो-दो बदमाशों का प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया था। संबंधित थानाध्यक्षों ने इन बदमाशों व शराब धंधेबाजों का प्रस्ताव भेजा। थानों से आए प्रस्ताव पर विशेष टीम आगे की कार्रवाई कर रही है।

पुलिस मुख्यालय का विशेष फोकस

बता दें कि अपराध से संपत्ति अर्जित करने वाले बदमाशों पर कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय का विशेष फोकस है। इसको लेकर पिछले दिनों डीजीपी ने विशेष निर्देश दिए थे। इसके बाद जिला स्तर पर इन बदमाशों की सूची तैयार कर कार्रवाई की कवायद तेज कर दी गई है।

नीलामवाद मामले में बड़े बकाएदारों की संपत्ति होगी अटैच

नीलामवाद के मामले में जिन बड़े बकाएदारों से वसूली की जानी है, उन सभी की कुंडली विभाग ने खंगालीन शुरू कर दी है। मुख्य सचिव ने इसे लेकर सभी जिले को निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार बड़े बकाएदारों की सूची तैयार की जा रही है, ताकि इनकी जमीन और संपत्ति का आकलन किया जा सके। इसके बाद इनकी संपत्तियों को अटैच कर राशि की वसूली की जाएगी।

मुख्य सचिव के निर्देश के आलोक में जिला स्तर पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विदित हो कि नीलामवाद मामले की मॉनिटरिंग लगातार मुख्यालय स्तर से की जा रही है। जिले में करीब सात सौ करोड़ रुपये की वसूली को लेकर नीलामवाद का मामला चल रहा है। विभाग स्तर पर वसूली नगण्य है।

नोटिस भेजने की प्रक्रिया भी काफी धीमी

यहां तक की नोटिस भेजने की प्रक्रिया भी बहुत धीमी है, जबकि सबसे बड़ी समस्या विभाग के सामने यह है कि कई तो ऐसे बकाएदार हैं, जिनका नाम पते का सत्यापन ही नहीं हो पाया है। ऐसे बकाएदारों में सबसे अधिक राइस मिलर वाले शामिल हैं। जिले में करीब 57 सौ मामले लंबित हैं, जबकि राज्य स्तर पर बात करें तो विभिन्न जिलों में नीलामवाद के करीब छह लाख से अधिक मामले लंबित है।

इस कारण 16 हजार 418 करोड़ रुपये की वसूली भी नहीं हो पा रही है। नीलामवाद के सबसे अधिक मामले बैंक के ऋण के हैं, जबकि परिवहन विभाग दूसरे नंबर पर है। इसमें खनन विभाग से संबंधित नीलामवाद के लंबित मामले को मुख्य रूप से शामिल करने को कहा गया है।

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