क्यों और कैसे लगता है पितृ दोष? जानें लक्षण और बचाव के उपाय….

पितृ दोष के होने पर व्यक्ति को कई तरह के संकेत मिलने लगते हैं। ऐसे में इससे बचाव के लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं, जिन्हें करने से आप पितृ दोष से राहत पा सकते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर व्यक्ति कि किन गलतियों के कारण उसे पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है।

कैसे लगता है पितृ दोष

मान्यताओं के अनुसार, जब किसी का अंतिम संस्कार सही विधान से न किया जाता या फिर पिंडदान, तर्पण, और श्राद्ध आदि नहीं किए जाते हैं, तो ऐसे में पूर्वजों की आत्माएं तृप्त नहीं होती हैं। तब व्यक्ति को पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। पितृ दोष इसलिए भी कष्टदायी है क्योंकि इसका असर कई पीढ़ियों तक रहता है। ऐसे में व्यक्ति को कभी-कभी अपने नहीं बल्कि अपने पूर्वजों के कर्मों के कारण भी पितृ दोष झेलना पड़ सकता है।

इसके अलावा पीपल, नीम, या बरगद जैसे पेड़ को काटने, जाने-अनजाने में सांप की हत्या करने आदि से भी व्यक्ति को पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है। इसी के साथ अगर किसी की कुंडली में राहु केंद्र में या फिर त्रिकोण में हो तो यह भी पितृ दोष का कारण बनता है।

पितृ दोष के लक्षण

पितृ दोष होने पर घर में लड़ाई-झगड़ा बढ़ने लगते हैं। यहां तक की संतान प्राप्ति में भी दिक्कतें आती हैं। घर में हमेशा किसी का बीमार रहना, कारोबार में लगातार गिरावट, घर में पीपल का उगना या फिर तुलसी का अचानक से सूख जाना आदि भी पितृ दोष होने की ओर संकेत करते हैं। इसके अलावा विवाह में देरी होना, कोई दुर्घटना होना आदि भी पितृ दोष की ओर इशारा करते हैं।

कैसे करें बचाव

पितृ दोष से राहत पाने के लिए हर अमावस्या तिथि पर पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध आदि करें और पीपल के पेड़ में जल चढ़ाए। इसी के साथ पितृ पक्ष की पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए एक उत्तम अवधि है। आप इस अवधि में रोजाना पितृ स्तोत्र का पाठ करें, साथ ही रोजाना गीता का भी पाठ करें।

इसी के साथ पितरों के नाम का भोजन और जल भी निकालें। जल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा में अर्घ्य दें। साथ ही शिव जी की पूजा-अर्चना करें और शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाएं। इस सभी उपायों को करने से आपको अपनी स्थिति में लाभ देखने को मिल सकता है।

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