माइग्रेन के दर्द को नॉर्मल ना समझें! रामबाण इलाज से जड़ से खत्म करें समस्या

माइग्रेन एक तरह का सिरदर्द है नर्वस सिस्टम की समस्या से जुड़ा है। इस समस्या में सिर में बार-बार आधे हिस्से में ही दर्द होता है तो कभी-कभी पूरे सिर में भी होने लगता है। एक हिस्से में दर्द इतना तेज होता है कि ऐसा लगता है कि सिर में हथौड़ा मार रहा हो। इसमें सिरदर्द के समय सिर के नीचे की धमनियां बढ़ जाती हैं। दर्द वाले हिस्से में सूजन भी आ जाती है। माइग्रेन होने पर पीड़ित को उल्टी, जी घबराना जैसी दिक्कत होती और रोशनी व तेज आवाज के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है। यह समस्या कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक भी रह सकती है। हालांकि यह समस्या क्यों होती है इसके सही कारण के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी तो नहीं लेकिन इसे आनुवांशिक स्थिति माना जाता है।

माइग्रेन क्या होता है?

जैसे कि हमने बताया कि माइग्रेन में आधे सिर में तेज दर्द होता है और यह तंत्रिका तंत्र से जुड़ा विकार है। वहीं आयुर्वेद के मुताबिक, माइग्रेन दिमाग या चेहरे की रक्त वाहिनियों में हुई गड़बड़ी से होने वाला सिरदर्द है। इसके अलावा खान-पान, वातावरण में बदलाव, तनाव में बढ़ोतरी या ज्यादा सोने से भी हो सकता है। डाइट और लाइफस्टाइल की वजह से वात, पित्त और कफ दोषों में बदलाव आने पर अलग-अलग लक्षणों के साथ यह कई बीमारी का कारण बनते हैं।
वात के कारण सिरदर्द होने पर न्यूरोलॉजी से संबंधित समस्याएं बढ़ती है। तेज दर्द होने पर लंबे समय के बाद आराम मिलता है। न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का सिर्फ दिमाग से ही सबंध नहीं होता बल्कि गर्दन और कान से भी होता है इसलिए ब्रेन की एमआरआई या सीटी स्कैन करवाने पर इसके असली कारण का पता चलता है।

दो तरह के होते हैं माइग्रेन दर्द

माइग्रेन मुख्य तौर पर दो तरह के होते हैं। क्लासिक और नॉन क्लासिक माइग्रेन। क्लासिक की स्थिति में बहुत सारे लक्षण ऐसे होते हैं जो संकेत देते हैं कि आपको माइग्रेन का दर्द शुरू होने वाला है, जैसे सिर दर्द की शुरुआत से पहले धुंधला दिखना, कुछ में कंधे में जकड़न व जलन आदि। क्लासिक माइग्रेन की अवस्था में रक्तवाहिनियां सिकुड़ने लगती है। ऐसे में डॉक्टर से तुरन्त सम्पर्क करना अच्छा होता है।

नॉन क्लासिक माइग्रेन में समय-समय पर सिर में तेज दर्द होता है लेकिन अन्य लक्षण नजर नहीं आते। ऐसे में सिर दर्द की शुरुआत के साथ ही दर्द की दवाई लेने से आराम पहुंचता है।

माइग्रेन का दर्द हो तो क्या करें?

माइग्रेन के लक्षण महसूस हो तो दर्द निवारक दवाई लें लेकिन दवाई डाक्टरी सलाह पर ही लें।
सबसे पहले खुद को शांत करें और अंधेरे कमरे में आराम करें या सोने की कोशिश करें।
माइग्रेन को ट्रिगर करने वाले कारकों से बचें। खुद को स्ट्रेस फ्री रखें।
विटामिन बी2, विटामिन डी और मैग्नीशियम भरपूर आहार लें।
अदरक, दालचीनी का पानी लें। इससे जी मिचलाने या उल्टी जैसे लक्षणों से राहत मिलेगी।

माइग्रेन का तुरंत इलाज कैसे करें?

माइग्रेन का तुरंत इलाज दालचीनी है। इसके लिए 1 से 2 छोटी चम्मच दालचीनी पाउडर में पानी मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को अपने माथे पर 20 से 25 मिनट तक लगाकर रखें। इस लेप को लगाने से आपको माइग्रेन के दर्द से तुरंत आराम मिलेगा।

गाय का शुद्ध देसी घी माइग्रेन का रामबाण इलाज

आयुर्वेद के मुताबिक, गाय का शुद्ध देसी घी मधुर व शीतल होता है। यह वात और पित्त की समस्या को ठीक करता है। गाय के देसी घी की कुछ बूंदे नाक में डालने से माइग्रेन से राहत मिलती हैं। गाय का शुद्ध घी सिर्फ आपके आधे सिरदर्द की समस्या से ही छुटकारा नहीं दिलाएगा बल्कि नींद की समस्या और भूलने जैसी परेशानियों से भी राहत मिलती है। इससे मस्तिष्क के कामकाज में सुधार होता और दिमाग स्वस्थ रहता है। इम्यूनिटी मजबूत होती है। अगर एलर्जी की समस्या है तो उससे भी राहत मिलेगी। इससे बाल झड़ने और सफेद होने बंद हो जाएंगे आप तनाव मुक्त रहते हैं।

माइग्रेन होने पर क्या करें, क्या ना करें?

माइग्रेन की समस्या बार बार हो रही हैं तो लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके देखें।
तापमान में बदलाव से हमेशा बचे जैसे गर्मी में एयरकंडिशनर का इस्तेमाल करते हैं तो एक दम ठंडे से गर्म में न निकले और तेज गर्मी से आकर एकदम ठण्डा पानी न पीएं।
तेज धूप में बाहर निकल रहे हैं तो सूरज की सीधी रोशनी से बचें। छाता और सनग्लासेस इस्तेमाल करे। ट्रेवल करने से परहेज करें।
रोजाना 8 से 10 ग्लास पानी जरूर पीएं क्योंकि डिहाइड्रेशन, माइग्रेन की समस्या का सबसे बड़ा कारण होता है इसलिए अधिक से अधिक पानी पीएं। माइग्रेन के पेशेंट खूब सारा तरल पदार्थ यानी सूप, नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, लस्सी आदि पीना चाहिए। फल हरी सब्जियां खूब खाएं। नमक कम लें।
चाय कॉफी, ज्यादा मिर्ची मसालेदार भोजन न खाए, ब्लड प्रेशर मेंटेन रखे।
एल्कोहल और चॉकलेट के सेवन से भी बचें।
माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को मक्खन की जगह पीनट बटर का इस्तेमाल करना चाहिए। एवोकाडो, केला और खट्टे फल आदि का इस्तेमाल करना भी लाभकारी होता है।
नंगे पांव घास पर सैर करें। स्ट्रेस लेने से बचें। रोजाना 30 मिनट तक योगासन, प्राणायाम या मेडिटेशन जरूर करें। योग में बालासन, उत्तानासन, सेतुबंध सर्वांगासन, हलासन करना फायदेमंद है।
अपनी पसंद का मधुर संगीत सुनें। साथ ही हर बार सांस निकलते समय स्वयं के शरीर को शांत करें।

माइग्रेन के लिए देसी उपाय

माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाने में कुछ देसी नुस्खे भी बहुत फायदेमंद हैं। इससे भी आपको दर्द से राहत मिलेगी।

बर्फ की मसाज

माइग्रेन की वजह से सूजी मांसपेशियों को रिलैक्स करने के लिए आइस पैक काफी फायदेमंद होता है। एक साफ टॉवल में बर्फ के कुछ टुकड़े रखें और उससे सिर, माथे और गर्दन के पीछे 10-15 मिनट सिकाई करें। पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदे आइस पर डालने से असर जल्दी होता है।

सेब का सिरका

एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच शहद डालकर पिएं। करीब 30 दिन लगातार पीने से राहत मिलेगी। जब माइग्रेन हो या महसूस हो कि होने वाला है तो 2-3 चम्मच लें।

तुलसी का तेल

कि तुलसी का तेल माइग्रेन के दर्द में भी काफी प्रभावशाली होता है और मांसपेशियों को आराम देता है जिससे तनाव कम होता है और दर्द से राहत मिलती है। इस तेल से सिर की मसाज करें। तुलसी की चाय भी पी सकते हैं।

सिर की मालिश

तनाव को दूर करने के लिए सिर की मालिश बहुत कारगर उपाय है। सिर के पीछे के हिस्से की मालिश करने से राहत मिलती है और शरीर में रक्त संचार बढ़ता है।

अदरक

अदरक माइग्रेन के दौरान जी मचलाने या उल्टी होने जैसे लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करता है। अदरक का रस शहद के साथ लें या अदरक के छोटे टुकड़े को पानी में उबालकर ठण्डा कर लें और इस पानी में शहद और नींबू की कुछ बूंद डालकर पीएं।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ?

माइग्रेन कुछ घंटों या एक-दो दिन के बीच ठीक हो जाता है लेकिन आपको लगातार ये दर्द हो रहा है और इससे आराम नहीं मिल रहा तो डाक्टरी परामर्श जरूर लें। गंभीर सिरदर्द, मानसिक भ्रम या गर्दन में बहुत तेज दर्द है तो डाक्टर के पास जाने में देर ना लगाएं।

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