कोलेस्ट्रॉल का कितना समअमस बढ़ने पर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है?

कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक पदार्थ है, जो कोशिकाओं के निर्माण, हार्मोन बनाने और अन्य शारीरिक कार्यों के लिए जरूरी होता है। हालांकि, अगर इसका स्तर शरीर में ज्यादा बढ़ जाए तो यह दिल और रक्तवाहिकाओं के लिए खतरे का कारण बन सकता है, जिससे हार्ट अटैक का जोखिम भी बढ़ सकता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि कितना कोलेस्ट्रॉल आपके शरीर में सुरक्षित है और इसे नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं

एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) इसे श्खराब कोलेस्ट्रॉलश् कहा जाता है क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं में जमकर उन्हें संकुचित करता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट आ सकती है। ज्यादा एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के कारण दिल की बीमारियां और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।

एचडीएल (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन) इसे अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है क्योंकि यह शरीर से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे दिल की सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाने वाला कोलेस्ट्रॉल स्तर

विशेषज्ञों के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति का कुल कोलेस्ट्रॉल स्तर 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर (एमजी-डीएल) से ज्यादा होता है, तो उसे कोलेस्ट्रॉल से संबंधित समस्याएं होने का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 100 एमजी-डीएल से कम होना चाहिए। यदि यह स्तर 160 एमजी-डीएल से अधिक हो जाए तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

साथ ही, एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम से कम 40 एमजी-डीएल होना चाहिए। अगर यह 40 एमजी-डीएल से कम है, तो यह दिल की सेहत के लिए खतरे का संकेत हो सकता है।

कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण के लिए जरूरी टिप्स

संतुलित आहार अपनाएं

स्वस्थ आहार कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए सबसे प्रभावी तरीका है। अपने आहार में अधिक फाइबर, फल, सब्जियां, ओमेगा-3 फैटी एसिड और अनसैचुरेटेड फैट्स को शामिल करें। यह आपको एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करेगा। इससे भी ज्यादा, लाल मांस, तला-भुना भोजन, और प्रोसेस्ड फूड्स से बचें क्योंकि इनमें ज्यादा संतृप्त वसा होती है, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकती है।

व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें

नियमित शारीरिक गतिविधि कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का एक बेहतरीन तरीका है। व्यायाम करने से एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम होता है। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट का मध्यम व्यायाम जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना या तैराकी करें। यह आपके दिल की सेहत को भी बेहतर बनाए रखेगा।

वजन को नियंत्रित करें

अत्यधिक वजन या मोटापा कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे दिल की समस्याएं हो सकती हैं। अपने वजन को नियंत्रित रखने के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम करें। वजन घटाने से न केवल कोलेस्ट्रॉल में सुधार होता है बल्कि इससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी कम हो सकती हैं।

धूम्रपान और शराब से दूर रहें

धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन आपके कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ा सकता है। धूम्रपान से एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) कम हो जाता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। शराब का अधिक सेवन भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने का कारण बन सकता है। इसलिए, इन दोनों से बचना चाहिए।

दवाइयों का उपयोग

अगर आपका कोलेस्ट्रॉल बहुत अधिक हो और लाइफस्टाइल बदलाव से कोई फर्क न पड़े, तो डॉक्टर आपके लिए दवाइयां भी लिख सकते हैं। स्टेटिन जैसी दवाइयां एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती हैं। हालांकि, दवाइयों का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।

तनाव को कम करें

ज्यादा तनाव भी शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकता है। तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित करता है। योग, ध्यान, और गहरी सांसों की तकनीकें तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित हो सकता है।
कोलेस्ट्रॉल का स्तर यदि नियंत्रित न किया जाए तो यह दिल की सेहत को प्रभावित कर सकता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकता है।

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, वजन को नियंत्रित रखना, और धूम्रपान और शराब से बचना जरूरी है। इसके अलावा, दवाइयों और तनाव प्रबंधन के उपायों के माध्यम से भी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप इन उपायों का पालन करते हैं, तो आप अपने दिल को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं।

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