UCC पर बढ़ी हलचल, Live-in में पैदा हुई संतान को मिलेंगे पूरे अधिकार, पढ़ें पूरी खबर…

 उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला पहला प्रदेश बनने जा रहा है। ऐसी संभावना है कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता 26 जनवरी से लागू की जा सकती है। यूसीसी की नियमावली व आनलाइन पंजीकरण को पोर्टल तैयार हो गया है।

सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करना व कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाना इसका उद्देश्‍य है। इसके तहत धार्मिक व लैंगिक समानता सुनिश्चित की गई है। लेकिन इस सबके बीच लिव इन को लेकर की गई व्यवस्था सबका ध्‍यान खींच रही है।

लिव इन को लेकर यह है व्‍यवस्‍था

  1. लिव इन में रहने के लिए सक्षम प्राधिकारी, यानी रजिस्ट्रार के समक्ष लिव इन में आने की तिथि से एक माह के भीतर पंजीकरण कराना होगा।
  2. लिव इन में साथ रहने वाले जोड़े आपसी सहमति से पंजीकरण निरस्त कर सकते हैं। एक साथी द्वारा समाप्ति के आवेदन पर दूसरे साथी की पुष्टि करना अनिवार्य है।
  3. यदि पुरुष साथी महिला साथी को छोड़ता है तो वह सक्षम न्यायालय के समक्ष भरण-पोषण की मांग कर सकती है।
  4. लिव इन के दौरान पैदा हुई संतान को सभी अधिकार मिलेंगे।
  5. लिव इन में रहने वाले सभी व्यक्तियों को संहिता लागू होने के एक माह के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यह पंजीकरण केवल रजिस्ट्रार के सम्मुख होगा।
  6. निर्धारित तिथि तक पंजीकरण न कराने पर विलंब शुल्क वसूला जाएगा।
  7. 26 मार्च 2010 के बाद विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा। इसके लिए छह माह की समय सीमा तय की गई है। जो अपना पंजीकरण करा चुके हैं, उन्हें भी पोर्टल पर इसकी सूचना देनी होगी। 
  8. नागरिक घर बैठे अपने मोबाइल अथवा कंप्यूटर से भी इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
  9. इसके लिए उन्हें ucc.uk.gov.in पोर्टल पर जाकर पंजीकरण कराना होगा।
  10. इसके लिए वह आधार नंबर के आधार पर पंजीकरण करा सकते हैं।

आनलाइन वेब पोर्टल पर 13 से अधिक विभागों की सेवाएं

समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन को आनलाइन वेब पोर्टल भी बनाया गया है। इसमें 13 से अधिक विभागों की सेवाओं को जोड़ा गया है। इसमें विवाह, तलाक, विवाह शून्यता, लिव इन व वसीयत आदि का पंजीकरण कराने की व्यवस्था की गई है। पंजीकरण के लिए पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम स्तर पर अलग-अलग रजिस्ट्रार व सब रजिस्ट्रार बनाए हैं। पंजीकरण के लिए सरकार शुल्क तय कर रही है। इसकी दरों का निर्धारण किया जा रहा है।

10 माह 22 दिन की मशक्कत

  • कानून बनने के 10 माह 22 दिन की मशक्कत के बाद नियमावली को कैबिनेट में स्वीकृति दी गई। 
  • आठ मार्च 2024 को सदन से इसे पारित किया गया।
  • 12 मार्च को इसे राष्ट्रपति से मंजूरी प्राप्त हुई।
  • 14 मार्च को सरकार ने इसकी नियमावली बनाने के लिए समिति का गठन किया। न्याय और विधायी विभाग से कई दौर के मंथन के बाद अब यह नियमावली अंतिम रूप ले चुकी है।
  • 92 पन्नों की इस नियमावली में प्रदेश के सभी नागरिकों के विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार के अधिकार, लिव इन रिलेशनशिप व लिव इन रिलेशनशिप की समाप्ति का पंजीकरण करने की व्यवस्था बताई गई है। आवेदक ucc.uk.gov.in पर पंजीकरण कर सकेंगे।

पोर्टल साइबर हमले से सुरक्षित

प्रदेश में हुए साइबर हमले के बाद समान नागरिक संहिता के लिए बनाए गए पोर्टल को भी सुरक्षित बनाया गया है। यह पोर्टल क्लाउड बेस्ड है और इसमें डिजास्टर रिकवरी की भी व्यवस्था की गई है।

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