अदाणी ग्रुप के शेयरों में आई जबरदस्त तेजी, जानिए वजह…

अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी के मालिकाना हक वाले अदाणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में गुरुवार (16 जनवरी 2025) को जोरदार तेजी देखी जा रही है। इसकी वजह अमेरिकी शॉर्ट हिंडनबर्ग रिसर्च का बंद होना है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी ग्रुप के खिलाफ गंभीर वित्तीय गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। उस समय अदाणी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों भारी गिरावट आई थी। आइए जानते हैं कि अदाणी ग्रुप के किस स्टॉक्स में कितनी तेजी आई है।

Adani Group के किस स्टॉक में कितनी तेजी?

शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान अदाणी ग्रुप की सभी कंपनियों में अच्छा उछाल दिखा। अदाणी पावर के शेयर की कीमत में 9.2 प्रतिशत (599.9 रुपये प्रति शेयर), अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर की कीमत में 8.8 प्रतिशत (1,126.8 रुपये प्रति शेयर), अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत में 7.7 प्रतिशत (2,569.85 रुपये प्रति शेयर), अदाणी टोटल गैस के शेयर की कीमत में 7.1 प्रतिशत (708.45 रुपये प्रति शेयर), अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर की कीमत में 6.6 प्रतिशत (832 रुपये प्रति शेयर) और अदाणी पोर्ट्स के शेयर की कीमत में 5.4 प्रतिशत (1,190 रुपये) की वृद्धि हुई। हालांकि, बाद में मुनाफावसूली के चलते इनमें कुछ करेक्शन भी हुआ।

इसके अलावा, अंबुजा सीमेंट्स के शेयर की कीमत में 4.5 प्रतिशत (542.9 रुपये प्रति शेयर), एसीसी के शेयर की कीमत में 4.1 प्रतिशत (2,054 रुपये प्रति शेयर) और एनडीटीवी के शेयर की कीमत में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 157.9 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गई।

हिंडनबर्ग रिसर्च क्यों बंद हुई?

हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नेथन एंडरसन ने ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करके हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘हमारा इरादा था कि हम जिस मकसद के लिए काम कर रहे हैं, उसके पूरा होने के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद कर दिया जाएगा। हमने हाल ही में कुछ कंपनियों की गड़बड़ियों को रेगुलेटर्स के साथ साझ किया है। इसी के साथ हमारा काम पूरा हो गया। अब हिंडनबर्ग रिसर्च को भंग किया जाता है।’

हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप पर क्या आरोप लगाए थे?

हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अदाणी ग्रुप पर तीखा हमला किया था। उसने एक रिपोर्ट जारी करके आरोप लगाया कि गौतम अदाणी का ग्रुप दशकों से लगभग 18 ट्रिलियन (218 बिलियन डॉलर) के “स्टॉक हेरफेर” और “अकाउंटिंग धोखाधड़ी योजनाओं” में शामिल था। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म ने दावा किया था कि अदाणी परिवार ने भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी को बढ़ावा देने के लिए कैरिबियन, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात जैसे कर हेवन द्वीपों/देशों में ऑफशोर शेल संस्थाओं को नियंत्रित किया और समूह की सूचीबद्ध कंपनियों से पैसे निकाले।

सेबी भी कर चुकी है अदाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच

अदाणी ग्रुप ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था। इस मामले की सेबी ने भी अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में 24 में से 22 जांच पूरी कर ली थीं। बाजार नियामक ने हिंडनबर्ग और अदाणी ग्रुप की एक समूह कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। हालांकि, इस मामले पर अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने बाद में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर भी अदाणी ग्रुप से मिलीभगत का आरोप लगाया था। सेबी चीफ ने हिंडनबर्ग रिसर्च के सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।

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