दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगाने वाले राष्ट्रपति यून सुक येओल गिरफ्तार

दक्षिण कोरिया में अधिकारियों ने राष्ट्रपति यून सुक येओल को गिरफ्तार कर लिया है। राष्ट्रपति यून ने पिछले महीने देश में अचानक मार्शल लॉ लागू कर दिया था जिसके बाद से देश में उन पर मुकदमा चल रहा था। बुधवार को तीन घंटे की मशक्कत के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। हिरासत में लेने के लिए सैकड़ों कानून प्रवर्तन अधिकारी बुधवार सुबह यून के आवासीय परिसर में पहुंचे थे। इससे पहले भी उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिशें की गई थी लेकिन समर्थकों के विरोध की वजह से यह मुमकिन नहीं हो पाया था। जहां विपक्षी दलों ने देश में अचानक मार्शल लॉ लगाने के लिए राष्ट्रपति की तीखी आलोचना की थी, वहीं राष्ट्रपति ने कहा था कि उन्होंने यह फैसला देश के हित में लिया था।

गौरतलब है कि बीते 3 दिसंबर को राष्ट्रपति यून ने देश में अचानक इमरजेंसी लगाने की घोषणा कर दी। इस दौरान देश में कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया। हालांकि ऐलान के बाद से ही देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और 6 घंटे बाद ही इस आदेश को वापस लेना पड़ा। यून सुक येओल ने तर्क दिया था कि देश में कुछ राजनीतिक दल उत्तर कोरिया के साथ साजिश रच कर देश की संप्रभुता को खतरे में डाल रहे थे जिसकी वजह से उन्होंने यह कदम उठाया।

यून के वकीलों ने अधिकारियों को हिरासत वारंट को अमल में न लाने के लिए मनाने की कोशिश की लेकिन एजेंसी ने इससे इनकार कर दिया। यून के वकीलों ने दावा किया है कि सियोल पश्चिमी जिला न्यायालय द्वारा जारी किया गया यह हिरासत वारंट अवैध है। यून की हिरासत के लिए अदालती वारंट 21 जनवरी तक वैध था।

वहीं गिरफ्तारी से पहले राष्ट्रपति यून ने कहा था कि देश में कानून व्यवस्था ठप्प हो चुकी है। भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी द्वारा हिरासत में लिए जाने से उन्होंने एक रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो संदेश में यून ने कहा, “इस देश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो चुकी है।” हालांकि उन्होंने कहा कि वह अधिकारियों का सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने अंत तक हार ना मानने की भी कसम खाई है।

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