लंदन में -3 डिग्री में बिना पैंट के ही मेट्रो में सफर कर रहे लोग, जानिए वजह…

लंदन की मेट्रो के एक सीन ने लोगों को हैरान करके रख दिया है। कमर से ऊपर तो पूरे कपड़े लेकिन कमर से नीचे सिर्फ एक इनरवियर। जी हां सही सुना आपने। बता दें कि रविवार को लंदन का औसत तापमान 4 से माइनस 3 डिग्री तक रहा लेकिन फिर भी लंदन के लोग मेट्रो में बिना पतलून के दिखाई दिए। उन्होंने नीचे पैरो में जूते और मोजे तो पहन रखे थे लेकिन बिना किसी पैंट के।

दरअसल, उत्सवप्रेमी लंदनवासी रविवार को लंदन ट्यूब नो टर्जर डे (London tube no trousers day) मना रहे थे। यानी कि वो दिन जब उन्हें लंदन मेट्रो में पतलून, पैंट, पजामा नहीं पहनना था। बता दें कि लंदन में मेट्रो को ट्यूब कहा जाता है।

इस अभियान में लड़कियां और महिलाएं भी दिखीं और वे भी कमर के नीचे मात्र इनरवियर (travel in london metro without pants) में दिखीं।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, वाटरलू, वेस्टमिंस्टर और साउथ केंसिंग्टन स्टेशनों पर भी इसी तरह की भीड़ जमा हुई।

कई तस्वीरों और वीडियो में यात्री एस्केलेटर से उतरते हुए, प्लेटफॉर्म पर सेल्फी लेते हुए या बस डिब्बे के अंदर अपने अंडरवियर के रंग को दिखाते हुए पोज देते नजर आ रहे थे।

द इंडिपेंडेंट के अनुसार, फेसबुक पर एक पोस्ट में, कार्यक्रम के आयोजकों ने प्रतिभागियों से कहा कि वे जितना संभव हो सके, सामान्य या साधारण पैंट पहनें, ताकि ऐसा लगे कि आप अपनी पैंट भूल गए हैं।

40 वर्षीय निजी प्रशिक्षक डेव सेल्किर्क ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया, इस आयोजन के पीछे कोई और मकसद नहीं है, सिवाय इसके कि यह मध्य सर्दियों के उदास मौसम में थोड़ी सी हलकी-फुलकी मस्ती भर दे। बहुत कुछ बुरा हो रहा है, बहुत कुछ ऐसा हो रहा है जो मजेदार नहीं है। सिर्फ दिखावे के लिए कुछ करना अच्छा है।

बता दें कि बिना पतलून का दिन मनाने की परंपरा दुनिया में रही है। इस दिवस को बर्लिन, प्राग, येरुशलम, वार्सा और वाशिंगटन डीसी में मनाया जा रहा है, न्यूयॉर्क में ये उत्सव 2002 में हुआ लेकिन लंदन पहुंचते पहुंचते 2009 आ गया।

इस क्रेज में पहुंचीं मिरियम कोरीया का एक उद्देश्य था। 43 वर्षीय शेफ मिरियम इसलिए आना चाहती थीं क्योंकि उन्होंने पहले बिना पैंट के राइड की तस्वीरें देखी थीं, जिनमें बहुत सी पतली, कम कपड़े पहनी हुई महिलाएं थीं।

उन्होंने कहा, ‘मैं एक असली महिला हूँ,’ उन्होंने यह भी कहा कि अपने साइज को लेकर शर्मिंदा होने की कोई वजह नहीं है। ‘सभी शरीर परिपूर्ण होते हैं।’

इस क्रेज का कॉन्सेप्ट देखने वाले चार्ली टोड ने बीबीसी से कहा, “इसका मुख्य उद्देश्य खुशी, आनंद और उलझन के अप्रत्याशित क्षणों का सृजन करना है।”

उन्होंने कहा, “मैं इस परंपरा को जीवित देखकर बहुत खुश हूं, इसका उद्देश्य बिना उद्देश्य के हानिरहित मनोरंजन करना है।

अपने कार्यक्रम का मकसद बताते हुए चार्ली टोड ने कहा, निश्चित रूप से, हम ऐसे माहौल में रह रहे हैं जहां लोग सांस्कृतिक युद्ध लड़ना पसंद करते हैं और न्यूयॉर्क में मेरा नियम हमेशा से यही रहा है कि मेरा लक्ष्य अन्य लोगों का मनोरंजन करना, लोगों को हंसाना है। यह किसी को भड़काने या परेशान करने के लिए नहीं है, इसलिए उम्मीद है कि यह भावना जारी रहेगी।

लंदन के चाइनाटाउन मेट्रो स्टेशन एंट्री गेट पर दर्जनों लोग बर्फीली सड़कों से होते हुए मध्य लंदन के पिकाडिली सर्कस अंडरग्राउंड स्टेशन पहुंचे, जहां वे अपनी पहली ट्रेन में सवार हुए। यहां उन्होंने पूरे कपड़े पहने हुए थे।

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