भारत-स्पेन संबंध महत्वपूर्ण प्रगति के शिखर पर हैं: एस. जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत के बढ़ते वैश्विक कद और चुनौतीपूर्ण समय में सार्थक सहायता प्रदान करने की उसकी क्षमता पर जोर दिया है। स्पेन की अपनी यात्रा के दौरान भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत-स्पेन संबंध महत्वपूर्ण प्रगति के शिखर पर हैं।
स्पेन के डिप्लोमेटिक कम्युनिटी के साथ अपने जुड़ाव के बारे में बोलते हुए, जयशंकर ने साझा किया कि उन्हें स्पेन के विदेश मंत्री ने एक वैश्विक सम्मेलन में देश के राजदूतों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ।
भारत के प्रभुत्व का जिक्र
भारत के बढ़ते प्रभाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ‘जब कोई विदेश मंत्रालय या राजदूत आपको आने और उनसे बात करने के लिए कहते हैं, तो यह सोचने वाली बात है कि ऐसा क्यों हो रहा है।’
आज दुनिया की स्थिति को देखते हुए सभी देशों को लगता है कि भारत के साथ अच्छे संबंध रखना उनके हित में है।
– एस जयशंकर
विदेश मंत्री ने नये भारत का जिक्र करते हुए कहा कि हमें वैश्विक स्तर पर आर्थिक ताकत और नेतृत्व के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा, ‘आज हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, जो तीसरी सबसे बड़ी बनने की ओर अग्रसर है।’
रूस और यूक्रेन पर बात
- जयशंकर ने कहा कि भारत को आज वैश्विक बातचीत में योगदान देने वाले के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कहा, ‘बहुत ही कम देश ऐसे हैं, जो रूस से भी बात कर सकते हैं और यूक्रेन से भी। पीएम मोदी रूस भी गए थे और यूक्रेन भी। बहुत ही कम देश ईरान और इजरायल दोनों से बात कर सकते हैं।’
- जयशंकर ने कहा कि ‘पीएम मोदी ये कर सकते हैं। हम क्वाड का भी हिस्सा हैं और ब्रिक्स का भी।’ जयशंकर ने अफ्रीका को जी-20 में शामिल करने की वकालत करने में भारत के प्रयासों का उल्लेख किया और कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की भूमिका का जिक्र किया।
कोविड काल पर भी की बात
उन्होंने कहा, ‘अगर आप दुनिया में जाएंगे, तो 100 देश हैं, जो कहते हैं कि अगर हमें अपना टीका मिला, तो यह भारत की वजह से था। मुझे याद है कि राष्ट्रपति सांचेज़ ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई के लिए पीएम मोदी को फोन किया था।’
विदेश मंत्री ने कहा कि ‘मुश्किल समय में भारत ही वह देश है, जो विभिन्न पक्षों से बात करने और उनकी मदद करने को तैयार है। यहां बात पैसे या संसाधनों की नहीं, दिल और दिमाग की है, एक ब्रिज के रूप में विश्वनसनीय होने की है।’