निज्जर हत्याकांड के आरोपी भारतीयों को कनाडाई SC ने दी जमानत, सबूत नहीं पेश कर पाई पुलिस
कनाडा के सुप्रीम कोर्ट ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में गिरफ्तार चार भारतीयों को गुरुवार को जमानत दे दी। अब इस मामले की सुनवाई 11 फरवरी को कनाडाई अदालत में होगी। निचली अदालत में सुनवाई के दौरान पर्याप्त साक्ष्य न मिलने के कारण रिहाई का आदेश जारी किया गया। बता दें कि निज्जर की हत्या 18 जून, 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर हुई थी।
करन बराड़, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह, और करनप्रीत सिंह नाम के चारों आरोपियों के खिलाफ नवंबर 2024 में चार्जशीट दायर की गई थी। बाद में इन आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए अपील की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया। अदालती दस्तावेजों के अनुसार, चार में से तीन आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में शामिल हुए, जबकि एक ने वकील के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
भारतीय सरकार ने जताई नाराजगी
सीएनएन-न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि कनाडाई पुलिस आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सकी। भारतीय सरकार के शीर्ष सूत्रों ने कनाडाई पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए इसे “शर्मनाक स्थिति” करार दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “कनाडाई पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत नहीं हैं। उन्होंने स्थानीय युवाओं को गिरफ्तार किया और बिना पर्याप्त साक्ष्य के मामला तैयार किया। इसके बावजूद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाए और एक भारतीय सरकारी अधिकारी पर भी उंगली उठाई, जिसे हमने लगातार खारिज किया। अब खुद उनकी पुलिस इस बात की पुष्टि कर रही है।”
भारत-कनाडा संबंधों में गिरावट
भारत और कनाडा के बीच संबंधों में पिछले साल से काफी तनाव देखा गया है। भारत ने बार-बार कनाडा में उग्रवाद, हिंसा और भारत-विरोधी गतिविधियों पर गहरी चिंता व्यक्त की है और वहां की सरकार से इन पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है। जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के “विश्वसनीय आरोप” लगाए थे। भारत ने इन आरोपों को “बेतुका” बताते हुए खारिज कर दिया था और कनाडा पर भारत-विरोधी तत्वों को स्थान देने का आरोप लगाया था।