नीतीश कुमार की मिमिक्री करने वाले MLC पर सुप्रीम कोर्ट हुआ नाराज, जानिए पूरा मामला…

विधानसभाओं और संसद में नेताओं के बर्ताव को लेकर सुप्रीम कोर्ट चिंतित नजर आ रहा है। बिहार से जुड़े एक मामले पर सुनवाई करते हुए सोमवार को शीर्ष न्यायालय ने कहा कि नेता भूल गए हैं कि सम्मानजनक तरीके से कैसे आलोचना की जाती है या असंतोष जाहिर किया जाता है। अदालत ने सदस्यों को सम्मानपूर्वक व्यवहार करने की सलाह दी है।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह की बेंच राष्ट्रीय जनता दल नेता सुनील कुमार सिंह की रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी। दरअसल, इस याचिका के जरिए बिहार विधान परिषद के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें सिंह को निष्कासित करने के आदेश दिए गए थे। परिषद ने बजट सत्र के दौरान कथित दुर्व्यवहार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नकल उतारने के आरोप में उन्हें निष्कासित किया था।

सिंह के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मामला न्यायालय में होने के बाद भी निर्वाचन आयोग ने सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है और ऐसे में कंफ्यूजन होगा। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव चुनाव होते हैं और कोई चुना जाता है और उसी वक्त सुप्रीम कोर्ट निष्कासन को रद्द कर देता है, तो अलग स्थिति पैदा हो जाएगी। उन्होंने शीर्ष न्यायालय से इस महीने होने वाले चुनाव पर रोक लगाने की अपील की। हालांकि, अदालत ने चुनाव पर रोक नहीं लगाई, लेकिन अंतिम सुनवाई 9 जनवरी को करने की बात कही है।

नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट

सिंघवी ने कहा कि सदन में फ्रीडम ऑफ स्पीच को व्यापक छूट मिली है। इसपर बेंच ने कहा, ‘सदन के अंदर फ्रीडम ऑफ स्पीच का इस्तेमाल इस तरह किया जाता है? आप भी संसद के सदस्य हैं। क्या आप विरोधियों के खिलाफ सदन के अंदर ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं?’ वकील ने ऐसी भाषा के उपयोग से इनकार किया और कहा, ‘एक अन्य एमएलसी ने जब ऐसी भाषा बोली तो उन्हें सिर्फ निलंबित किया गया था, लेकिन सिंह के मामले में निष्कासन का फैसला लिया गया।’

सिंह ने क्या किया

सिंह पर बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री कुमार पर मिमिक्री कर मजाक उड़ाना भारी पड़ गया। मामला बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के समय मुख्यमंत्री कुमार के साथ सदन में दुर्व्यवहार से जुड़ा था। इस मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई थी। मामले से जुड़े वीडियो की जांच में आरोप सही पाए गए थे। विधान परिषद के उपसभापति रामवचन राय ने सिंह की सदस्यता रद्द करने का प्रतिवेदन रखा था। आचार समिति ने सिंह की सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की थी।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker