मुख सचिव पशुधन ऐसे जादूगर जो गोमांस को भैंस के मीट में बदल देते हैं: यूपी वेटनरी डॉक्टर्स सोसाइटी
लखनऊ, एक और जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे उत्तर प्रदेश में गोवंश संरक्षण और संवर्धन की मुहिम छेड़े हुए हैं वहीं दूसरी ओर योगी सरकार के अधिकारी उनकी मंशाओं पर पूरी तरह पानी फेरते हुए मलाई काटने में व्यस्त नजर आ रहे हैं। वेटनरी डॉक्टर्स वेलफेयर सोसाइटी ने सोमवार को राजधानी के यूपी प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता करते हुए प्रमुख सचिव पशुधन विभाग पर गोवंश मीट तस्करों को लाभान्वित करने का बड़ा आरोप लगाया है।
सोसायटी के डॉ मनोज कुमार पशु चिकित्सा संघ आगरा ने कहा कि इसी महीने 10 दिसम्बर को के रवीन्द्र नायक, प्रमुख सचिव, पशुधन ने भ्रष्टाचार के आरोपी डॉ नीरज गुप्ता को सेवा विस्तार देने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस यहीं यूपी प्रेस क्लब में की गई थी जिसके फलस्वरूप प्रमुख सचिव पशुधन ने डॉ मनोज कुमार अध्यक्ष, पशु चिकित्सा संघ, आगरा को निलम्बित कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब एक और प्रकरण सामने आया है कि के रवीन्द्र नायक की सांठगांठ गोवंश मीट के तस्करों के साथ भी है और प्रमुख सचिव पशुधन विभाग इन तस्करों को लाभान्वित कर पुरस्कृत कर रहे है। उन्होंने बताया कि विदेशों में सप्लाई होने वाले भैंस के मीट की शिकायतें आने पर सीएम योगी ने डीआईजी की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई थी जिसमें लैब रिपोर्ट में साफ हो गया था कि मीट गोवंश का था जिसे कागजों में भैंस का बताया गया था।
लेकिन प्रमुख सचिव के रवीन्द्र नायक ने मुख्यमंत्री की जांच को दरकिनार करते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बागपत, डॉ अरविन्द कुमार त्रिपाठी को जांच सौंप दी जिन्होंने आशानुरूप रिपोर्ट में गाय के मीट को भैंस का मीट बना दिया और इसके बाद प्रमुख सचिव के रवीन्द्र नायक ने आरोपी डॉ संजय चतुर्वेदी को क्लीनचिट देते हुए उसका प्रमोशन कर दिया। इससे साबित होता है कि प्रमुख सचिव गो तस्करों के साथ संलिप्त हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पशुधन विभाग मंत्री धर्मपाल सिंह सैनी को सीबीआई से जांच करवाने की मांग करते हुए डॉ मनोज ने कहा कि योगी जी और मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाएं जिससे गोवंश मीट तस्करों को तत्काल रोका जा सके और सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को साकार किया जा सके, अन्यथा मुख्यमंत्री गोकशी का अलग विभाग बनवा दें।