OpenAI पर सवाल उठाने वाले सुचिर बालाजी की अमेरिका में मौत, फ्लैट में मिला शव
ओपनएआई पर सवाल उठाने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी एआई रिसर्चर सुचिर बालाजी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। सैन फ्रांसिस्को के बुचानान स्ट्रीट स्थित फ्लैट में 26 साल के सुचिर की लाश पाई गई। बात दें कि सुचिर चार साल ओपनएआई के साथ जुड़े थे। इसके अलावा चैट जीपीटी के डिवेलपमेंट के लिए भी वह काम कर चुके हैं। बीते दिनों उन्होंने ओपनएआई पर बड़े आरोप लगाए ते।
सुचिर नेक हा था कि चैटजीपीटी के लिए बिना इजाजत के ही प्रोग्रामरों औऱ पत्रकारों, कलाकारों के कॉपीराइट मटीरियल का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया गया। इससे उनके कारोबार पर भी असर पड़ सकता है। सुचिर के इस बयान के बाद ओपनएआई पर बड़े सवाल खड़े हो गए थे। इसके अलावा कानूनी तौर पर भी ओपनएआई सकते में आ गया।
जांच अधिकारियों ने बताया कि दोपहर करीब 1 बजे उनका शव पाया गया। मेडिकल एग्जीमिनर ने मौत की वजह के बारे में नहीं बताया है। पुलिस ने इतना संकेत जरूर दिया है कि यह कत्ल नहीं है। 23 अक्टूबर को न्यूयॉर्क टाइम्स के इंटरव्यू में सुचिर ने कहा था कि ओपनएआई आंत्रप्रेन्योर और कारोबारियों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा, मुझे यही लगता था कि मुझे तुरंत यह कंपनी छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि इस इंटरव्यू के लिए न्यूयॉर्क टाइम्स उनके पास नहीं आया बल्कि इतना जरूरी खुलासा करने के लिए उन्होंने खुद मीडिया को अप्रोच किया था।
सुचिर ने कहा था कि ओपनएआई का बिजनस मॉडल इंटरनेट इकोसिस्टम के लिए बेहद खतरनाक है। उन्होंने यह भी कहा था कि जिन लोगों को लगता है कि वह सही कह रहे हैं, वे कंपनी छोड़ सकते हैं। बालाजी ने यूसी बर्कले से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है। ओपनएआई में वह चैटजीपीटी को ट्रेनिंग देने वाले डेटा को इकट्ठा करके व्यवस्थित करते थे।