चीन ने ताइवान के चारों ओर बढ़ाए सैन्य अभ्यास, अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए बनी दीवार
ताइवान के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि चीन ने ताइवान के चारों ओर सैन्य अभ्यास बढ़ा दिए हैं और उसकी सेना दो दीवारें बना रही है। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य अगले अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए “रेड लाइन” खींचना है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप अगले साल 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। ट्रंप से सख्त चीन विरोधी रुख को देखते हुए चीनी सेना अभी से उन्हें संदेश देने की कोशिश कर रही है। ताइवान ने चीन को “समस्या पैदा करने वाला” करार देते हुए कहा कि यह कार्रवाई बीजिंग की आक्रामक नीतियों का हिस्सा है।
60 युद्धपोत और 30 तटरक्षक जहाज तैनात
चीन के अब तक के सबसे बड़े समुद्री अभ्यास में लगभग 60 युद्धपोत और 30 तटरक्षक जहाज शामिल हैं, जिन्हें जापान के दक्षिणी द्वीपों से लेकर दक्षिण चीन सागर तक तैनात किया गया है। ताइवान के एक वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी ने एएफपी को गुमनाम रहने की शर्त पर बताया कि इन अभ्यासों का उद्देश्य ताइवान की नाकेबंदी करना और अमेरिकी प्रशासन को संदेश देना है।
कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि चीन की गुप्त सैन्य टुकड़ी ताइवान के आसपास कुछ करने की योजना बनाती प्रतीत हो रही है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह एक औपचारिक सैन्य अभ्यास है या नहीं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसने पिछले 24 घंटे में एक दर्जन चीनी नौसैनिक पोत और 47 सैन्य विमानों का पता लगाया है, लेकिन पिछले सैन्य अभ्यासों की तरह गोलाबारी संबंधी कोई गतिविधि नहीं देखी गई।
100 विमान गतिविधियां दर्ज
ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पिछले दो दिनों में चीन ने ताइवान के करीब 100 सैन्य विमानों की गतिविधियां दर्ज की हैं। हालांकि, चीन की सेना या सरकारी मीडिया ने अब तक इन गतिविधियों को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। यह सैन्य अभ्यास ताइवान के राष्ट्रपति लाइ चिंग-ते की हालिया पैसिफिक यात्रा के बाद आया है, जिसके दौरान वह दो बार अमेरिकी क्षेत्रों में रुके थे। बीजिंग ने इस यात्रा को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है और ताइवान को अपना हिस्सा बताया है।
चीन की रणनीतिक योजना का उद्देश्य
ताइवान के एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, “चीन राष्ट्रपति लाइ की विदेशी यात्रा को बहाना बनाकर ताइवान को सिर्फ एक मोहरा बना रहा है। असली उद्देश्य पहली द्वीप श्रृंखला पर नियंत्रण स्थापित करना और अमेरिकी प्रशासन के बदलाव से पहले रणनीतिक प्रतिरोध दिखाना है।” ताइवान के विदेश मंत्रालय ने चीन की इस कार्रवाई को “समस्या पैदा करने वाला” बताया। दूसरी ओर, चीन के विदेश मंत्रालय ने इन अभ्यासों की पुष्टि या खंडन करने से इनकार कर दिया, लेकिन ताइवान और बाहरी ताकतों पर शांति भंग करने का आरोप लगाया।
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने जापान के एक अमेरिकी सैन्य बेस से कहा, “हम चीन की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी ताइवान जलडमरूमध्य में यथास्थिति को बदलने का प्रयास न करे।” यह ताइवान और चीन के बीच बढ़ते तनाव का एक और संकेत है, जो आने वाले समय में क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।
चीन की नौसेना दो दीवारें बना रही है
लेफ्टिनेंट जनरल हसिह जिह-शेंग ने कहा कि चीन की नौसेना दो दीवारें बना रही है – एक ताइवान की परिधि पर और दूसरी पहली द्वीप श्रृंखला के बाहर, जो जापान से दक्षिण में और ताइवान से होते हुए फिलीपींस तक फैली हुई है। उन्होंने ताइवान और चीन के बीच के जल क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘वे जो संदेश दे रहे हैं वह बहुत सीधा है: ताइवान जलडमरूमध्य हमारा है।’’
चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और इस स्वशासित द्वीप के अन्य देशों, विशेषकर अमेरिका के साथ आधिकारिक संबंध रखने का विरोध करता है। लाई ने पिछले हफ्ते गुआम में अमेरिकी संसद के नेताओं से फोन पर बात की। हालांकि, दुनिया के ज्यादातर देशों की तरह अमेरिका भी ताइवान को औपचारिक रूप से एक देश के रूप में मान्यता नहीं देता है, लेकिन वह 2.3 करोड़ की आबादी वाले इस द्वीप को उसकी रक्षा के लिए हथियारों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। सैन्य अभ्यास पर चीन की ओर से कोई घोषणा न होने के कारण ताइवान के अधिकारी जारी गतिविधि को प्रशिक्षण कवायद कह रहे हैं। हसीह ने कहा कि प्रशिक्षण अभ्यास बन सकता है, और अभ्यास युद्ध बन सकता है।