सर्दियों में बिस्तर से उठते ही करें ये काम, दिल का रखें खास ख्याल, उठते ही ध्यान दें इन बातों पर

सर्दियों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामले अक्सर बढ़ जाते हैं। ठंड के मौसम में शरीर में कई बदलाव होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। खासकर जब हम सुबह बिस्तर से उठते हैं, तब कुछ सामान्य गलतियाँ हो सकती हैं, जिनकी वजह से दिल और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि सर्दियों में बिस्तर से उठते समय आपको कौन से जरूरी कदम उठाने चाहिए ताकि आप हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बच सकें।
सर्दियों में बिस्तर से उठने का तरीका बहुत अहम होता है। जब आप सुबह बिस्तर से उठें, तो निम्नलिखित सावधानियाँ रखेंः

जल्दी न उठें

सर्दी के मौसम में, जब आप कंबल से बाहर निकलते हैं, तो तुरंत खड़े न हों। ठंड के कारण आपके शरीर के रक्त वाहिनियों में संकुचन (बवदेजतपबजपवद) हो सकता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। अचानक उठने से दिल और मस्तिष्क तक खून का प्रवाह सही तरीके से नहीं हो पाता, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, जब भी आप बिस्तर से उठें, तो सबसे पहले कुछ सेकंड्स के लिए बैठ जाएं और अपने शरीर को आराम से जागने का समय दें। इससे आपके शरीर को ठंड से सामंजस्य बनाने का मौका मिलता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है।

पैर नीचे लटकाएं

बैठने के बाद, 20-30 सेकंड तक अपने पैरों को नीचे लटकाकर रखें। यह ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने में मदद करता है। जब आप लेटे होते हैं, तो रक्त का प्रवाह नीचे की ओर कम होता है, लेकिन जब आप पैरों को लटकाते हैं, तो रक्त वाहिनियां फिर से खुलने लगती हैं, और रक्त प्रवाह बेहतर होता है। यह प्रक्रिया शरीर को धीरे-धीरे जागने का समय देती है और आपके दिल और दिमाग को ज्यादा राहत मिलती है। पैरों को लटकाने से, आपके शरीर का तापमान भी धीरे-धीरे सामान्य होता है, जिससे ठंडे मौसम का असर कम हो जाता है।

स्वेटर या जैकेट पहनें

जब आप बिस्तर से बाहर निकलते हैं, तो पहले स्वेटर या जैकेट पहनने का ध्यान रखें। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनना जरूरी है, ताकि आपका शरीर गर्मी बनाए रखे और ठंड के कारण रक्त वाहिनियां ज्यादा संकुचित न हों। स्वेटर या जैकेट पहनने से आपको शारीरिक आराम मिलता है और आप जल्दी से खुद को ठंड से बचा सकते हैं। इससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है और हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम होता है।

धीरे-धीरे उठें

अब, जब आप पैरों को लटकाने के बाद स्वेटर या जैकेट पहन चुके हैं, तो आराम से उठें। जल्दीबाजी न करें और शरीर को पूरी तरह से जागने का समय दें। अचानक से उठने से रक्त का प्रवाह प्रभावित हो सकता है, और शरीर को पूरी तरह से जागने में समय नहीं मिलता, जिससे दिल और दिमाग पर दबाव बढ़ सकता है।

आराम से उठने से आपका ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से काम करेगा और हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी समस्याओं से बचाव होगा। इसके अलावा, यह आपकी मांसपेशियों को भी समय देता है कि वे शारीरिक गतिविधि के लिए तैयार हो सकें, और आप दिनभर ऊर्जा से भरे रहते हैं।

स्ट्रेचिंग और हल्के व्यायाम करें

बिस्तर से उठने के बाद, अगर समय हो तो कुछ हल्की स्ट्रेचिंग या व्यायाम करें। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह तेज होता है और मांसपेशियों में लचीलापन आता है। आप थोड़ी देर के लिए अपने हाथों और पैरों की स्ट्रेचिंग कर सकते हैं या हल्का योग अभ्यास कर सकते हैं, जैसे कि भ्रामरी प्राणायामश् या श्सूर्य नमस्कार। यह शरीर को ताजगी देता है और दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

विटामिन डी और पानी का सेवन

सर्दियों में धूप कम होती है, जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। सुबह के समय धूप सेंकने से शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी हो सकती है, जो हृदय और शरीर के लिए बेहद जरूरी है। इसके अलावा, बिस्तर से उठने के बाद पानी पीने की आदत डालें। सर्दियों में पानी की कमी को नजरअंदाज न करें, क्योंकि शरीर में पानी की कमी से ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो सकता है।

सकारात्मक मानसिकता अपनाएं

सर्दियों में शारीरिक से ज्यादा मानसिक स्वास्थ्य भी अहम है। तनाव और चिंता आपके दिल के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए अपनी दिनचर्या में योग, प्राणायाम और ध्यान को शामिल करें। इससे न सिर्फ मानसिक तनाव कम होगा, बल्कि आपका दिल भी स्वस्थ रहेगा।

सर्दियों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा क्यों बढ़ता है?

सर्दी में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामलों में वृद्धि होती है, और इसके कई कारण हैंः

ठंडी हवा

सर्दी के मौसम में ठंडी हवाएं रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देती हैं। जब रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती हैं, तो खून का प्रवाह धीमा हो जाता है। इससे दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है ताकि शरीर के हर हिस्से में खून पहुंच सके। यह स्थिति ब्लड प्रेशर बढ़ाने का काम करती है और लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकता है। खासकर जिन लोगों को पहले से ही हृदय रोग की समस्या है, उनके लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है।

खून का गाढ़ा होना

ठंडे मौसम में शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए खून गाढ़ा हो जाता है। खून के गाढ़ा होने से रक्त प्रवाह धीमा हो सकता है, जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की सप्लाई में बाधा उत्पन्न होती है। यह समस्या हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालती है। गाढ़ा खून जमने का खतरा भी पैदा करता है, जिससे स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल या कोलेस्ट्रॉल पहले से हाई है, उन्हें इस समस्या से अधिक सावधान रहने की जरूरत है।

सुबह उठते समय गलत तरीका

सर्दियों में अचानक बिस्तर से उठना हृदय और मस्तिष्क के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ठंड के कारण खून का प्रवाह धीमा हो जाता है, और जब आप तुरंत उठते हैं, तो खून का प्रेशर दिल और दिमाग तक सही तरीके से नहीं पहुंचता। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ सकता है।

  1. जब आप उठें, तो पहले कुछ सेकंड के लिए बिस्तर पर बैठे रहें।
  2. अपने हाथों और पैरों को थोड़ी देर तक हिलाएं ताकि रक्त प्रवाह सामान्य हो सके।
  3. धीरे-धीरे खड़े हों और अपनी दिनचर्या शुरू करें।
  4. यह आदत न केवल दिल को स्वस्थ रखेगी बल्कि अचानक चक्कर आने या गिरने की समस्या से भी बचाएगी।

बिस्तर से उठते वक्त क्या करें?

सर्दियों में हार्ट अटैक के लक्षण

सर्दियों में हार्ट अटैक के लक्षण थोड़े अलग हो सकते हैं, जिनसे आपको सतर्क रहने की जरूरत है।
सीने में दर्द या दबाव
अगर आपको अचानक सीने में तेज दर्द, जलन या भारीपन महसूस हो, तो इसे हल्के में न लें। यह अक्सर दिल से जुड़ी समस्या का पहला संकेत हो सकता है। सीने का दर्द अक्सर बाएं तरफ महसूस होता है और कभी-कभी यह दर्द कंधे, गर्दन, जबड़े या बांह तक फैल सकता है। यह दर्द या दबाव शारीरिक गतिविधियों के दौरान बढ़ सकता है और आराम करने पर कम हो सकता है। अगर दर्द के साथ सांस लेने में दिक्कत हो, चक्कर आएं या ठंडा पसीना आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

हाई ब्लड प्रेशर

सर्दियों में ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। हाई बीपी दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों को पहले से हाई बीपी की समस्या है, उन्हें सर्दियों में नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर चेक करना चाहिए। नमक का सेवन कम करें और फाइबर युक्त आहार लें ताकि ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहे।

हाई शुगर और कोलेस्ट्रॉल

सर्दियों में अधिक कैलोरी और फैटी फूड्स का सेवन कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल बढ़ा सकता है। जब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है, तो यह रक्त वाहिकाओं में जमाव कर सकता है, जिससे दिल तक खून पहुंचने में बाधा आती है। हाई शुगर दिल की धमनियों को कमजोर कर सकता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है। नियमित जांच कराएं और अपने आहार में संतुलित मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ शामिल करें।

पसीना आना

सर्द मौसम में सामान्य से ज्यादा पसीना आना, खासकर बिना किसी कारण के, हृदय संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है। अगर पसीने के साथ सीने में भारीपन, चक्कर आना या सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, तो यह हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। यह स्थिति खासतौर पर रात में पसीना आने के रूप में देखी जा सकती है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सलाह लें और हृदय की जांच कराएं।

इन लक्षणों पर ध्यान देना और समय पर उचित कदम उठाना आपके दिल को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

अपनी दिल की सेहत की जांच कैसे करें?

आप अपनी दिल की सेहत को आसान तरीके से परख सकते हैंरू
सीढ़ियां चढ़ेंः एक मिनट में 50-60 सीढ़ियां चढ़कर देखें। इससे दिल की क्षमता का अंदाजा लग सकता है।
सिट-अप करेंः लगातार 20 सिट-अप करें, ताकि यह पता चले कि आपका दिल कितनी मेहनत सह सकता है।
ग्रिप टेस्ट करेंः किसी जार से ढक्कन खोलने की कोशिश करें। यह भी आपकी शारीरिक ताकत और दिल की सेहत को दर्शाता है।

कार्डियक अरेस्ट से बचाव

कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करना जरूरी है।
तंबाकू और शराब से दूर रहेंः तंबाकू और शराब दिल की सेहत के लिए बहुत हानिकारक होते हैं।
हेल्दी डाइट अपनाएंः जंक फूड की जगह पौष्टिक आहार लें। हरी सब्जियां, फल और साबुत अनाज का सेवन करें।
योग और प्राणायाम करेंः रोजाना योग और प्राणायाम से तनाव कम होता है और दिल मजबूत होता है।
वॉकिंग और एक्सरसाइज करेंः नियमित रूप से वॉकिंग, जॉगिंग और साइक्लिंग से दिल स्वस्थ रहता है।
पानी का सेवन बढ़ाएंः दिन भर में पर्याप्त पानी पिएं
इन लक्षणों पर ध्यान देना और समय पर उचित कदम उठाना आपके दिल को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

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