बिहार में टीचर ट्रांसफर के आवेदन में कमी, पहले ढाई लाख शिक्षकों ने की थी डिमांड
बिहार में सरकारी शिक्षकों की पुरानी स्थानांतरण नीति स्थगित होने के बाद खास परिस्थितियों में ही टीचर ट्रांसफर की घोषणा के बाद शिक्षकों के आवेदन में काफी कमी आई है। सरकार ने एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक विशेष स्थिति के आधार पर ट्रांसफर का आवेदन मांगा है जिसके लिए 8 दिसंबर तक 33227 शिक्षकों ने अप्लाई किया है। इससे पहले जिस ट्रांसफर पॉलिसी को शिथिल किया गया उसके तहत 2.60 लाख टीचर्स ने आवेदन किया था। उस नीति का शिक्षकों ने विरोध किया था और कोर्ट भी चले गए थे।
ट्रांसफर के लिए आवेदन करने के लिए अभी लगभग एक सप्ताह का समय बचा है और संभावना है कि यह संख्या और ऊपर जाए। लेकिन ये पहले जैसे स्तर पर जाएगा, इसमें संदेह है। आवेदनों की संख्या में भारी कमी से सरकार का काम आसान हो गया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा है कि इतने आवेदन सरकार आराम से हैंडल कर लेगी और आवेदन की डेडलाइन खत्म होने के बाद जल्द ही सबके आग्रह पर फैसला करेगी।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 20 नवंबर को 1.14 लाख नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए ऐलान किया था कि अब ये विशेष शिक्षक कहे जाएंगे और जो जिस स्कूल में पढ़ा रहे हैं, वहीं पढ़ाते रहेंगे। इस घोषणा से ट्रांसफर की आस लगाए बैठे लोगों को निराशा हुई थी जिसके बाद सरकार ने अगले ही दिन जरूरत के आधार पर ट्रांसफर का ऐलान किया था। राज्य में पांच लाख से ऊपर शिक्षक कार्यरता हैं।
एसीएस सिद्धार्थ ने कहा कि 545182 शिक्षकों में 33227 टीचर्स ने स्थानांतरण के लिए आवेदन किया है। इन आवेदनों पर प्राथमिकता के क्रम में विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 163 शिक्षकों ने असाध्य बीमारियों (कैंसर) का हवाला दिया है जबकि 456 लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। 1522 लोग दिव्यांग हैं जबकि 290 ऑटिज्म या विशेष मानसिक रोग के मरीज हैं। 216 टीचर ने विधवा होने या तलाक के आधार पर ट्रांसफर मांगा है। 2919 शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने पति या पत्नी के काम की जगह पर स्थानांतरण की गुहार लगाई है। सबसे ज्यादा ट्रांसफर डिमांड पोस्टिंग के स्कूल से अपने घर की दूरी को आधार बनाया है जिनकी संख्या 27661 है।
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अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि सरकार प्राथमिकता के क्रम में इन पर विचार करेगी। जिसे सबसे ज्यादा जरूरत होगी, उसे पहली प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को अब ये पता है कि कितने शिक्षकों को असल में ट्रांसफर की जरूरत है। आवेदन की समय सीमा के खत्म होते ही विभाग इन पर काम शुरू कर देगा।