बांग्लादेश सरकार का बड़ा फैसला, नई नोटों पर शेख मुजीबुर रहमान की नहीं छ्पेगी फोटो

बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। इसके मुताबिक यहां छपने वाली नई नोटों पर शेख मुजीबुर रहमान की फोटो नहीं रहेगी। इस बारे में बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक को भी निर्देश दे दिए गए हैं। मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के प्रथम राष्ट्रपति थे और उन्हें वहां पर राष्ट्रपिता का दर्जा मिला हुआ है। जानकारी के मुताबिक इस बारे में पिछले सितंबर में फैसला लिया जा चुका है और नई डिजाइन भी तय कर ली गई है। यूनुस सरकार ने नई नोटों पर जुलाई में शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए आंदोलन से प्रेरित तस्वीरों को छापने का फैसला किया है।

इस तरह से नई नोटों पर धार्मिक स्ट्रक्चर, बंगाली परंपरा के एलीमेंट्स और हालिया आंदोलन से प्रेरित ग्रैफिटी को जगह दी जाएगी। आलोचकों का कहना है कि मोहम्मद यूनुस सरकार का यह कदम शेख मुजीबुर रहमान की यादों को देश से मिटाने की कोशिश है। उनके मुताबिक ऐसा करके अंतरिम सरकार महान नेता द्वारा देश की आजादी में दिए गए योगदान को भुला देना चाहती है।

गौरतलब है कि मुजीबुर रहमान को 15 अगस्त 1975 को मौत के घाट उतार दिया गया था। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के आने के बाद से यहां पर मुजीबुर रहमान से संबंधित तमाम प्रतीकों को हटा दिया गया है। इनमें राष्ट्रपति निवास पर लगाया गया उनका पोर्टेट भी शामिल है। सिर्फ इतना ही नहीं, मुजीबुर रहमान के नाम पर जारी छुट्टियों को भी खत्म कर दिया गया है। आंदोलन के दौरान कई जगहों से उनकी स्टेच्यू को भी गिरा दिया गया।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में पिछले कुछ महीनों से माहौल काफी अराजक है। आंदोलन और हिंसा के बाद शेख हसीना सरकार गिर गई थी। इसके बाद वहां पर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार है, लेकिन हिंसा का दौर थमा नहीं है। ताजा मामलों में वहां पर हिंदुओं और हिंदू पुजारियों पर हमले किए जा रहे हैं। इसको लेकर भारत ने भी सख्त रुख अपनाया है।

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