नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, इन निजी ITI का पंजीकरण होगा रद्द

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में युवाओं को उद्योगों की मांग के अनुरूप तकनीकी रूप कौशल विकास प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके मद्देनजर नीतीश सरकार ने राज्य में संचालित निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के लिए मानकों को पूरा करना अनिवार्य कर दिया।

यह फैसला राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद के गाइडलाइन के आलोक में लिया गया है, ताकि निजी आईटीआई में शिक्षण एवं प्रशिक्षण पाने वाले युवाओं के पास केवल प्रशिक्षण प्रमाण पत्र नहीं, बल्कि उनमें कौशल के साथ-साथ दक्षता भी हो।

बिहार में कुल 1234 ITI

बता दें कि राज्य में 1234 निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हैं, लेकिन श्रम संसाधन विभाग को मिली रिपोर्ट में 80 प्रतिशत से ज्यादा निजी संस्थानों में मानकों का पालन ही नहीं हो रहा है। यही कारण है कि विभाग के स्तर से यह फैसला लिया गया है कि मानकों को पूरा नहीं करने वाले निजी संस्थानों का पंजीकरण रद किया जाएगा।

श्रम संसाधन विभाग के पदाधिकारी ने दी जानकारी

श्रम संसाधन विभाग के एक पदाधिकारी ने बताया कि निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को पूर्व में किए गए पंजीकरण में मानकों को अनुपालन कराने पर ध्यान नहीं दिया गया, जबकि आईटीआई के भवनों में सीसीटीवी कैमरे तथा, पेयजल की व्यवस्था, कक्षाओं, कर्मशाला और पार्किंग की समूचित व्यवस्था के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए। अगलगी, भूकंप समेत अन्य आपदा से बचाव की व्यवस्था करना अनिवार्य है, लेकिन प्राप्त सूचनाओं में इन सब व्यवस्था की कमियां हैं। ज्यादातर आईटीआई के पास पर्याप्त जमीन है।

सबसे खराब स्थिति शहरी इलाकों में चल रहे आईटीआई की है। राज्य के सभी शहरों में चल रहे प्राइवेट आईटीआई में अधिकतर में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। अधिकतर ने पक्का मकान भी नहीं बनाया है। कुछ ने टीन की झोपड़ीनुमा बना रखी है तो कुछ में प्रयोगशाला की सुविधा नहीं है। इसलिए विभाग ने सभी निजी आइटीआइ के भवनों में बिल्डिंग बाइलाज का पालन करना अनिवार्य दिया है। इसके तहत डेढ़ सौ से दो सौ प्रशिक्षणार्थियों के लिए ग्रामीण क्षेत्र में कम से कम दो एकड़ जमीन आवश्यक है, जबकि शहरी क्षेत्र में सवा एकड़ जमीन जरूरी है।

आईटीआई चलाने के लिए लीज पर जमीन लेने पर उसकी दस साल की लीज आवश्यक है। 25 वर्ग मीटर लंबा और तीन वर्ग मीटर चौड़ा वर्ग कक्ष रखना होगा। आईटीआई के भवनों में प्राकृतिक आपदा से बचाव और अगलगी जैसी घटनाओं से सुरक्षा आदि मानकों का पालन करना होगा। श्रम संसाधन विभाग की अफसरों की टीम हर जिले में जल्द ही निजी आईटीआई की जांच करने वाली है। जांच के दौरान मानक पूरा नहीं करने वाले निजी आईटीआई का पंजीकरण रद कर दिया जाएगा।

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