सीएम पद से हटने की आशंका के बीच एकनाथ शिंदे की दलील से भाजपा की बढ़ी चिंता

महाराष्ट्र के सीएम पद को लेकर आज अहम फैसला हो सकता है। सूबे के मुख्यमंत्री की रेस में एकनाथ शिंदे भी हैं, जो बीते ढाई साल से सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं तो वहीं भाजपा को 132 सीटें मिलने के बाद देवेंद्र फडणवीस की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच सीएम पद को लेकर टाइट फाइट बताई जा रही है। इस बीच खबर है कि एकनाथ शिंदे और उनकी पार्टी ने ऐसी दलील दी है कि भाजपा नेतृत्व भी पसोपेश में है और गहन मंथन चल रहा है। दरअसल एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों का कहना है कि महाराष्ट्र में नगर निकाय के चुनाव होने वाले हैं, जिसमें बीएमसी भी शामिल है।

एकनाथ शिंदे का कहना है कि उनकी शिवसेना का मुंबई, ठाणे और उसके आसपास के शहरी क्षेत्रों में बड़ा प्रभाव है। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों ने भी साबित किया है कि कैसे शिवसेना ने मुंबई में अपनी पकड़ बनाए रखी है। ऐसे में एकनाथ शिंदे को यदि सीएम के पद से हटाया गया तो इन शहरी क्षेत्रों में नुकसान हो सकता है। एकनाथ शिंदे गुट का कहना है कि यह नतीजा दिखाता है कि कैसे जनता ने उनके नेतृत्व को पसंद किया है और खासतौर पर मुंबई एवं अन्य शहरी इलाकों में लोग उन्हें पसंद कर रहे हैं।

कहा जा रहा है कि इस दलील के चलते भाजपा हाईकमान को भी सोचना पड़ रहा है। फिलहाल अब तक इस बात का इंतजार है कि महाराष्ट्र का सीएम कौन होगा। आज ही भाजपा के विधायक दल की और महायुति की मीटिंग होने वाली है। ऐसे में एकनाथ शिंदे गुट की इस दलील ने भाजपा नेतृत्व के सामने अलग ही दलील रखी है।

सूत्रों का कहना है कि भाजपा हाईकमान चाहता है कि यह संदेश न जाए कि ताकत मिलने के बाद वह गठबंधन के दलों को नजरअंदाज कर रहा है। ऐसे में एकनाथ शिंदे बनाम देवेंद्र फडणवीस के मामले पर गंभीरता से मंथन हो रहा है। फिलहाल किसी भी नाम पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन दोनों तरफ से दबाव की राजनीति जारी है।

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