घटस्थापना की पूजा में जरूर शामिल करें ये चीजें, जाने लिस्ट…

नवरात्र का पहला दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन पर माता रानी के प्रथम स्वरूप माता शैलपुत्री की पूजा-अर्चना का विधान है। नवरात्र पूजा की शुरुआत घटस्थापना (Navratri 2024 Puja Samagri List) के साथ होती है। ऐसा माना जाता है कि यदि पूरे विधि-विधान के साथ घटस्थापना की जाए, तो इससे माता रानी का साधक के घर में आगमन होता है। ऐसे में घटस्थापना की सामग्री में इन चीजों का शामिल जरूर करें, ताकि आपकी पूजा में किसी तरह की बाधा न पंहुचे।

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 03 अक्टूबर, 2024 को रात 12 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन 04 अक्टूबर को रात 02 बजकर 58 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्र (Navratri 2024) का पहला दिन 03 अक्टूबर यानी आज मनाया जा रहा है। इस दौरान घट स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं –

घटस्थापना मुहूर्त – प्रातः 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक

घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक

घटस्थापना पूजन सामग्री

  • मिट्टी का बर्तन और कलश
  • किसी पवित्र स्थान की मिट्टी (मंदिर या घर के गमले से)
  • साफ जवा
  • आम या अशोक के पत्ते
  • अखंड ज्योति के लिए दीया
  • कलावा/मौली, सुपारी, सिंदूर
  • जटाओं वाला नारियल
  • लाल रंग का कपड़ा
  • फूल, फूल माला
  • मिठाई, फल, पंचामृत
  • दूर्वा, अक्षत, रुई की बाती
  • गंगाजल
  • सिक्का
  • साफ लाल कपड़ा
  • शहद, इत्र, घी, गुड़, धूप, कपूर, नैवेद्य

इस तरह करें स्थापना

नवरात्र (Navratri 2024) के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें। घट स्थापना के लिए ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) को बेहतर माना जाता है। इसलिए शुभ मुहूर्त इस स्थान अच्छे से साफ-सफाई करने के बाद लकड़ी की चौकी बिछाएं और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं। इसके बाद घट पर रोली या फिर चंदन से स्वस्तिक बनाएं और घट में मौली बांधे। अब कलश लेकर उसमें जल भर के हल्दी, रोली, अक्षत, सिक्का डाल दें।

इसके बाद इस कलश पर आम या अशोक के पत्ते रखकर उस पर नारियल रखें। घट में जौ डाल दें और कलेश को इसके ऊपर स्थापिक कर दें। अब दीप जलाएं और माता रानी के आह्वान करें। नवरात्र की पूजा में माता रानी की पूजा के साथ-साथ इस कलश की भी पूजा करें।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker