गोपालगंज के चार दर्जन गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, लोगों का जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में पिछले 72 घंटे में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के कारण नदी ने खौफनाक रूप धारण कर लिया। गंडक नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। पानी के बढ़ने के कारण तटबंधों पर भारी दबाव बना हुआ है। जलसंसाधन विभाग के लिए अगला 24 घंटा अग्निपरीक्षा की घड़ी है। बांध को सुरक्षित रखना विभाग की चुनौती है। यूपी बॉर्डर से अहिरौली दान से लेकर बंगरा घाट तक इंजीनियरों की टीम तटबंधों की स्थिति की 24 घंटे मॉनिटरिंग कर रहे हैं। 

निचले इलाके के लगभग 43 गांव पूरी तरह से घिर गये

जलसंसाधन विभाग के मुख्य अभियंता संजय कुमार ने हाइअलर्ट करते हुए इंजीनियरों व संवेदकों व मजदूरों को मुस्तैद कर दिया है। नदी के स्थिति पर पल-पल नजर रखी जा रही है। उधर, नदी का जल स्तर अभी जिले में बढ़ रहा है। सोमवार की सुबह तक गंडक नदी की चपेट में निचले इलाके के लगभग 43 गांव पूरी तरह से घिर गये। आने-जाने वाली सड़कें डूब गयीं। 50 हजार से अधिक लोग गांवों में घिर गये हैं। गांवों में लोग ऊंचे स्थलों पर शरण ले रहे हैं। घरों में रखे अनाज, कपड़ा तक डूब गये हैं। लोगों के चूल्हा-चाकी डूबने के कारण लोग परेशान हैं। यह वह लोग हैं, जो प्रशासन की लाख कोशिश के बाद भी घर को छोड़कर बाहर नहीं निकले है।

43 गांव पानी से घिरे हैं। नाव ही एकमात्र सहारा बची है

ग्रामीणों को भराेसा है कि गांवों में दो-तीन दिनों में पानी घट जायेगा। सदर प्रखंड के कटघटरवां, हीरापाकड़, मेहंदियां, रामपुर टेंगराही, बरइपट्टी, पतहरा, सेमराही, निरंजना,धूप सागर, धर्मपुर, भगवानपुर, रामनगर, मकसुदपुर कुचायकोट में सिपाया टोला वार्ड नं सात, भसही, कालामटिहनियां, भगवानपुर, मांझा प्रखंड के निमुइया, माघी, मगुरहां, भैंसही, पुरैना, बरौली के पकड़ियां एवं सिधवलिया के बंजरिया बैकुंठपुर के आशा खैरा, फैजुल्लाहपुर, बंगरा समेत जिले के 43 गांव पानी से घिरे हैं। नाव ही एकमात्र सहारा बची है। 

नदी के रौद्र रूप को देख तटबंधों की 24 घंटे हो रही निगरानी 

नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए डीएम मो मकसूद आलम के अलावा एसपी अवधेश दीक्षित, डीडीसी कुमार निशांत, एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार, जलसंसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह, कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार तटबंधों का निरीक्षण किया। वहीं तटबंधों पर इंजीनियरों की टीम मुस्तैद हो गयी है। अभियंताओं ने तटबंधों को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है। देर शाम मैक्सिमम पानी क्रॉस करने लगा। प्रशासन की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है।

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