मौत के 23 दिन बाद अंतिम संस्कार, पत्नी ने दी थी आत्मदाह की चेतावनी, सरकार ने किए कई वादे

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में 23 दिनों से पोस्टमार्टम कक्ष में रखे संदीप लकड़ा के शव का परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया है। शुक्रवार यानी 27 सितंबर को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की मध्यस्थता के बाद परिजनों ने आंदोलन समाप्त कर दिया। संदीप की पत्नी की ओर से आत्मदाह करने की चेतावनी दी गई थी।

नल जल योजना में अभिषेक पांडेय नामक ठेकेदार के यहां संदीप कर्मचारी था। ठेकेदार के छड़ और सीमेंट की चोरी हुई थी। सीतापुर पुलिस थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। ठेकेदार और उनके सहयोगियों ने संदीप की पिटाई की थी। सात जून को संदीप की पिटाई से मौत हो गई थी। मैनपाट के कमलेश्वरपुर थाने से छह किलोमीटर आगे लुरैना तिब्बती कैंप के पास मौजूद बड़कापारा में निर्माणाधीन पानी टंकी की नींव में संदीप के शव को डालकर उस पर पानी टंकी बना दी गई।

पुलिस को भ्रम में डालने के लिए संदीप के मोबाइल को मुंबई और गोवा में चालू किया गया और फिर बंद कर दिया गया था। आरोपी ठेकेदार के सहयोगी के बयान से मामले का खुलासा हो गया। पुलिस ने शव बरामद किया, लेकिन फिर गतिरोध आ गया। संदीप लकड़ा की पत्नी ने मांग पूरी ना होने पर आत्मदाह की धमकी दी थी।

आत्मदाह की चेतावनी से मसला और गंभीर हो गया। मुख्यमंत्री साय ने स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल को भेजा। करीब तीन घंटे की चर्चा के बाद गतिरोध हटा और मंत्री श्यामबिहारी परिजनों को संतुष्ट करने और आंदोलन खत्म करने के लिए सहमत करा गए। मौके पर ही मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने मृतक संदीप की पत्नी सलीमा लकड़ा को 8.25 लाख का चेक और छात्रावास में कलेक्टर दर पर नियुक्ति का पत्र सौंपा।

मंच से घोषणा की गई कि मृतक की पत्नी को कुल 25 लाख रुपये दिए जाएंगे। मृतक के दोनों बच्चों को हायर सेकेंडरी तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। इसके साथ संदीप हत्याकांड की जांच के लिए राज्य स्तर पर टीम गठित कर अलग से जांच कराने की घोषणा भी की गई।

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