उत्तरकाशी-रुद्रप्रयाग समेत तीन जिलों में भारी बारिश पर येलो अलर्ट, जानें मौसम विभाग का अपडेट…

उत्तराखंड मौसम पूर्वानुमान में बारिश और बर्फबारी पर बड़ा अपडेट सामने आया है। मौसम विभाग की ओर से तीन जिलों में बारिश पर येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि कुछ जिलों में बर्फबारी का भी पूर्वानुमान है।

मौसम विभाग के अलर्ट के बाद पुलिस-प्रशासन भी सतर्क हो गया है। संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात की गई है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग एवं चमोली जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 

वहीं, पर्वतीय जिलों में कहीं कहीं गर्जना के साथ आकाशीय बिजली चमकने एवं तेज दौर बारिश के होने की संभावना है। मौसम निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश के पहाड़ी जिलों में अनेक जगहों एवं मैदानी इलाकों में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। 

राज्य के उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिलों के 4500 मीटर एवं उससे ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी होने की संभावना है। दूसरी ओर, पर्वतीय जिलों में बारिश के बाद गंगा समेत अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। प्रशासन की ओर से लोगों को नदियों और तटीय इलाकों के पास नहीं जाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

देरहादून में दिन में धूप, शाम को झमाझम बारिश

देहरादून में दिन में धूप खिली रही। दोपहर बाद राजपुर समेत कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई। इसके अलावा शाम को घंटाघर, रायपुर रोड, राजपुर रोड, सहारनपुर चौक, आईएसबीटी, हरिद्वार बाईपास इलाकों में तेज बारिश हुई। 

कई जगहों पर जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा। दून का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा 33.2 एवं न्यूनतम एक डिग्री ज्यादा 22.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

भारी बारिश से हो रहा नुकसान, तीन मकान क्षतिग्रस्त

अल्मोड़ा शहर से लगे खत्याड़ी गांव में तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इससे लोगों में हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। वहीं, ग्रामीणों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। पूर्व प्रधान हरीश कनवाल ने बताया कि बीते दिनों हुई बारिश से खत्याड़ी क्षेत्र की चार दुकानें जमींदोज हो गईं थीं। 

इसी दौरान कई घरों में दरारें पड़नी शुरू हो गईं थीं। इससे इन घरों में रहने वाले लोग दहशत में थे। बताया कि सोमवार रात तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इससे परिजनों में हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि खतरे की आशंका को देखते हुए घर के लोग मौके पर नहीं थे। 

बताया कि हरीश राम, गोविंद राम आर कलावती देवी के परिवार के लिए अब इन घरों में रहना संभव नहीं हो पा रहा है। मंगलवार को घटनास्थल पहुंचे पूर्व प्रधान को ग्रामीणों ने आप बीती बताई। ग्रामीणों का कहना है कि दरार पड़े घरों में कभी भी बड़ी घटना घट सकती है। 

उन्होंने प्रशासन से गांव का स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावितों को मुआवजा देने और खतरे वाले भवनों में रहने वाले लोगों के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग की है।

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