उत्तराखंड में जमीनें कब्जाने और अवैध बस्तियां बसाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा: सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में निवेश, कारोबार और रोजगार सृजन के लिए सभी का स्वागत है, लेकिन खेती के नाम पर जमीनें कब्जाने और अवैध बस्तियां बसाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

राज्य में माफिया को कोई माफी नहीं है। उन्हें अवैध लैंड बैंक बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। हिन्दुस्तान शिखर समागम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार, जनभावनाओं के अनुरूप सख्त भू-कानून लाने के पक्ष में है। 

इस दिशा में काम भी चल रहा है। राज्य में लैंड जिहाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। समागम के उद्घाटन सत्र ‘उन्नति का नया नाम उत्तराखंड’ में सीएम ने कहा कि लोगों को बाहर से लाकर गलत तरीके से बसाने वालों और संरक्षण देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। 

सत्यापन अभियान भी सख्ती से चलाया जाएगा। दून में ओल्ड मसूरी रोड स्थित हयात रीजेंसी में मंगलवार को आयोजित समागम को मुख्यमंत्री ने बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया-‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड इन्वेस्टर्स समिट’ के तहत सरकार उत्तराखंड में 3.54 लाख करोड़ रुपये का निवेश लाने में सफल रही।

इसके तहत उद्योग, होटल, पर्यटन, आयुष वेलनेस आदि सेक्टरों में निवेशकों ने रुचि दिखाई। धामी ने कहा-उत्तराखंड में व्यापार और उद्योग के लिए आने वालों का स्वागत है। इससे प्रदेशवासियों के लिए रोजगार के मौके बढ़ेंगे। 

लेकिन खेती के नाम पर जमीनें कब्जाने और अवैध बस्तियां बसाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनभूलपुरा हो या हरिद्वार डकैती प्रकरण,हमारी पुलिस ने अच्छा काम किया है। 

अपराध के हर प्रकरण में दोषियों को सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है। अंकिता भंडारी केस से संबंधित सवाल पर सीएम ने कहा कि यह घटना बहुत दुखद-दुर्भाग्यपूर्ण थी। घटना के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए सरकार न्यायालय में मजबूत पैरवी कर रही है। 

केदारनाथ मंदिर में गर्भगृह से सोने की चोरी के विपक्ष के आरोपों को मुख्यमंत्री ने मनगढ़ंत बताया। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम जैसे पवित्र स्थान के नाम पर भी कांग्रेस राजनीति कर रही है।

‘भाईचारा हमारी पहचान, कोई निशाने पर नहीं’ 

समागम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि के स्वरूप को बदलने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए सरकार धर्मांतरणरोधी सख्त कानून लेकर आई है। सरकार ने लैंड जिहाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए पांच हजार एकड़ जमीन को मुक्त कराया।

इस कार्रवाई में भेदभाव और मुस्लिम विरोधी छवि से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसी को टारगेट करने के लिए एक्शन नहीं ले रही है। हमारी मिलजुलकर रहने की परंपरा रही है।

आपसी भाईचारा हमारी पहचान है। लेकिन देवभूमि के स्वरूप से छेड़छाड़ का अधिकार किसी को नहीं दिया जाएगा। सीएम ने कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों से सवाल किया कि क्या कोई भी अतिक्रमण को सही मानेगा? इस पर सभागार तालियों से गूंज उठा।

सीएम ने कहा कि राज्य में दंगारोधी कानून लाकर लॉ एंड ऑर्डर को मजबूत बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ विघ्नसंतोषी लोग हैं जिन्हें अच्छे काम में भी बुराई ही दिखाई देती है।

राज्य स्थापना दिवस से पहले लागू होगा यूसीसी

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस से पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता(यूसीसी)लागू कर दी जाएगी। इस संबंध में प्रक्रिया जारी है। सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के साथ इसके तकनीकी पहलुओं पर काम चल रहा है।

धामी ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले हमने जनता से वादा किया था कि प्रदेश में सरकार वापसी के बाद यूसीसी लागू किया जाएगा। इस पर जनता ने मिथक तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार भाजपा की सरकार बनाई।

ऐसे में अब सरकार का दायित्व है कि जनभावना के अनुरूप कार्य करे। जनता के आशीर्वाद से सरकार बनते ही यूसीसी पर काम शुरू कर दिया गया। हमने इसके लिए कमेटी बनाई जिसने सभी पहलुओं का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की।

इस संबंध में विधानसभा से पारित विधेयक को राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल चुकी है। धामी ने कहा कि यूसीसी में जनजातियों के अधिकार सुरक्षित रखे जाएंगे। राज्य सरकार जनजातियों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है।

यात्रा प्राधिकरण को देंगे प्रशासनिक अधिकार : सीएम

उत्तराखंड में तीर्थाटन के विकास में सवाल पर मुख्यमंत्री ने सरकार की योजनाएं बताईं। धामी ने कहा प्रदेश में शीघ्र ही यात्रा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। यह प्राधिकरण, चारधाम और कांवड़ यात्रा समेत अन्य धार्मिक यात्राओं को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने में योगदान देगा।

इस प्राधिकरण को प्रशासनिक अधिकार भी दिए जाएंगे। इसके गठन से पूर्व यात्रा संबंधी विभागों, तीर्थ पुरोहितों, व्यापार मंडल, जनप्रतिनिधियों, हक-हकूकधारी, धार्मिक संस्थाओं और सभी स्टेक होल्डर के साथ मंथन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली-दून एक्सप्रेसवे और कर्णप्रयाग तक रेल लाइन का काम पूरा होने के बाद चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि धामों के आसपास के तीर्थस्थलों और अन्य पर्यटन स्थलों को भी विकसित किया जा रहा है।

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