MP के कटनी में पुलिस ने महिला और उसके नाबालिग बेटे की डंडे से पिटाई, वीडियो वायरल…
मध्य प्रदेश के कटनी में जीआरपी थाने का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में जीआरपी थाने की थाना प्रभारी अरुणा वाहने एक महिला और उसके नाबालिग बेटे की डंडे से पिटाई कर रही हैं। वायरल वीडियो अक्टूबर 2023 का बताया जा रहा है। कटनी जीआरपी (Katni GRP Police Station) में झुर्रा टिकुरिया के 15 साल के लड़के और उसकी दादी कुसुम वंशकार को बेरहमी से पीटा गया था।
वीडियो में देखा जा सकता है कि जीआरपी थाने की इंचार्ज अरुणा वाहने, वंचित महिला और उसके नाबालिग पोते को पीट रही हैं। जानकारी के मुताबिक,महिला के बेटे कुख्यात अपराधी है। उसकी पूछताछ के लिए महिला और उसके पोते को जीआरपी थाने लाया गया था, जहां दोनों के साथ मारपीट की गई।
एमपी पुलिस ने क्या कहा?
मध्य प्रदेश पुलिस ने वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया दी है। एमपी पुलिस ने एक्स पर लिखा, “सोशल मीडिया के माध्यम से जीआरपी थाना कटनी में दुर्व्यवहार का एक वीडियो प्रकाश में आया है। वीडियो अक्टूबर 2023 का है। घटना प्रकाश में आने के बाद थाना प्रभारी को जीआरपी पुलिस लाइन जबलपुर अटैच कर दिया गया है। पुलिस मुख्यालय ने डीआईजी स्तर के अधिकारी को कटनी जाकर घटना की जांच करने के आदेश दिए हैं।”
महिला का बेटे पर 17 मामले दर्ज
वायरल वीडियो पर अरुणा वाहने ने सफाई देते हुए कहा कि महिला का बेटा दीपक वंशकार एक शातिर बदमाश है। रेल पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड था। दीपक पर 17 मामले दर्ज हैं। युवक पर पिछले साल फरार होने पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
दीपक वंशकार की मां ने क्या कहा?
दीपक की मां ने कहा, “पुलिस मुझे ले गई, मुझे बताया गया कि वरिष्ठ अधिकारी ने मुझे बुलाया है। वहां पहुंचने पर मुझसे पूछा गया कि मेरा बेटा कहां है। मैंने उनसे कहा कि मुझे नहीं पता कि वह कहां है, मैंने उनसे कहा कि उसे पकड़ो, उसे पीटें, जो करना है करो। उन्होंने मुझसे जानकारी मांगी और फिर सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दीं और मुझे प्लास्टिक के डंडे से पीटा।
महिला ने आगे कहा,”उन्होंने (अरुणा वाहने) मुझे लात-घूंसों से भी मारे। पूरी रात मुझे पीटा गया। जब मैंने पानी मांगा तो मुझे फिर से मारा गया। मेरा पोता मेरे साथ था। उसे कहीं और ले जाकर पीटा गया।”
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने किया पोस्ट
वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पटवारी ने एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि कानून व संविधान से बड़े पुलिस के छोटे-बड़े नुमाइंदों ने यह हरकत फिर एक दलित परिवार के साथ की है। सत्ता भी पिछड़े, आदिवासियों पर अत्याचार करने में कोई कसर बाकी नहीं रख रही है। वहीं सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर जब जीआरपी थाना प्रभारी से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।