बिदोखर में आल्हा ऊदल की वीरगाथा सुन फड़क उठी भुजाएं

भरुआ सुमेरपुर। क्षेत्र के बिदोखर गांव में मंगलवार को कजली उत्सव के उपलक्ष्य में शानदार आल्हा गायन का आयोजन हुआ। जिसमें दो बालिकाओं ने आल्हा गायन कर जोश भर दिया। आल्हा गायकों ने वीर रस से ओत प्रोत आल्हा ऊदल और पृथ्वीराज चौहान की सेना के बीच हुए संग्राम का वर्णन सुनाकर श्रोताओं में जोश भर दिया।

विदोखर के देवी तलैया के मंदिर में आल्हा गायन का शुभारंभ चौकी प्रभारी इंगोहटा उपनिरीक्षक शिवशंकर पाण्डेय व उपनिरीक्षक सुशांक ने दीप जलाकर किया। इसके बाद आल्हा गायकों में दिनेश सिंह बिदोखर,रणविजय सिंह बिदोखर,दीक्षा यादव और प्रतीक्षा यादव महोबा,देवेंद्र सिंह परसहा,राजपाल सिंह खन्ना, शिवपाल अनुरागी चंदौली, श्रीराम साहू बिदोखर ने 842 वर्ष पूर्व महोबा में पृथ्वीराज के सेनापति और राजा परमाल महोबा के सेनापति आल्हा ऊदल के बीच हुए युद्ध का वर्णन सुनाकर श्रोताओं में ऐसा जोश भर दिया। जिससे लोगो की भुजाएं फड़क उठी। बता दे कि बिदोखर गांव में कजली उत्सव के दौरान आल्हा गायन की परम्परा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है। जिसको आगे बढ़ाने में मरहूम आल्हा गायक चंद्रभान सिंह और दिवंगत रायसो गायक रीडियो सिंगर जयसिंह का अच्छा योगदान रहा है।

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