अंबानी के रिलायंस और Disney मर्जर पर CCI ने उठाए सवाल, जानिए पूरा मामला
मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की एंटरटेनमेंट से जुड़ी सबसे बड़ी डील पर पेच फंस गया है। दरअसल, बीते मई महीने में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वायाकॉम18 और स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसआईपीएल) के विलय के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से मंजूरी मांगी थी। हालांकि, अब सीसीआई ने इस विलय को लेकर कुछ सवाल खड़े किए हैं।
क्या है आपत्ति
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि सीसीआई ने निजी तौर पर डिज्नी और रिलायंस को अपना दृष्टिकोण बताया है। सीसीआई का मानना है कि इस विलय से प्रतिद्वंद्वियों को नुकसान होगा। दरअसल, विलय वाली कंपनी के पास क्रिकेट के प्रसारण के लिए अरबों डॉलर के आकर्षक राइट्स होंगे। सीसीआई को ओवर प्राइसिंग पावर और विज्ञापनदाताओं पर इसकी पकड़ को लेकर डर है।
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सीसीआई ने इससे पहले निजी तौर पर रिलायंस और डिज्नी से विलय से जुड़े करीब 100 सवाल पूछे थे। सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि कंपनियों ने सीसीआई को बताया है कि वे चिंताओं को दूर करने और शीघ्र मंजूरी प्राप्त करने के लिए कुछ टेलीविजन चैनल बेचने को तैयार हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कंपनियां अभी भी अधिक रियायतें देकर सीसीआई की चिंताओं को दूर कर सकती हैं। एक अन्य सूत्र ने कहा कि सीसीआई ने कंपनियों को जवाब देने और अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए 30 दिन का समय दिया है।
हो सकती है जांच
इसके साथ ही सीसीआई ने दोनों कंपनियों से यह पूछा है कि जांच का आदेश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि, अब तक दोनों कंपनियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।बता दें कि वायाकॉम18, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) समूह का हिस्सा है, जबकि द वॉल्ट डिज्नी कंपनी (टीडब्ल्यूडीसी) के पास स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का स्वामित्व है।
रिलायंस का नियंत्रण
विलय के वजूद में आने के बाद ज्वाइंट वेंचर को रिलायंस इंडस्ट्रीज नियंत्रित करेगी। इस ज्वाइंट वेंचर में रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास 16.34 प्रतिशत, रिलायंस की सब्सिडयरी वायाकॉम18 के पास 46.82 प्रतिशत और डिज्नी के पास 36.84 प्रतिशत स्वामित्व होगा। इस नए वेंचर की कमान नीता अंबानी के पास होगी जबकि उदय शंकर उपाध्यक्ष होंगे।
बता दें कि डील के बाद यह भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में सबसे बड़ी फर्म बन जाएगी। इसके पास अलग-अलग भाषाओं में 100 से अधिक चैनल, दो प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म और देश भर में 750 मिलियन का कस्टमर बेस होगा।