आरक्षण पर संशोधन विधेयक लाकर HC के फैसले को निष्प्रभावी कर देना चाहिए था : मायावती

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि संसद के सत्र में आरक्षण पर संशोधन विधेयक लाकर उच्चतम न्यायालय के निर्णय को निष्प्रभावी कर देना चाहिए था। उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण व्यवस्था पर बीते दिनों दिए गए निर्णय को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार को इसी सत्र में आरक्षण संशोधन विधेयक लाना चाहिए था।

सभी राजनीतिक दलों से स्थिति स्पष्ट करने को कहा

बेशक प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है लेकिन खाली आश्वासन से काम नहीं चलेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि अब संसद का अगला सत्र बुलाकर उसमें आरक्षण संशोधन विधेयक पेश करना चाहिए। उन्होंने इस संदर्भ में सभी राजनीतिक दलों से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव में यह राजनीतिक दल संविधान की प्रतियां लेकर लोगों को गुमराह कर रहे थे और अब जब बोलने का समय आया है तो सभी ने चुप्पी साथ ली है।

लोगों से एकजुट होने की अपील

उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वह आरक्षण के मुद्दे को लेकर एकजुट हों, और आवाज़ उठाएं। क्योंकि अगर अब आवाज नहीं उठाई तो हमेशा के लिए आरक्षण से वंचित रहना पड़ेगा। जाति आधारित गणना को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी जिम्मेवारी निभाते हुए राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित गणना करवानी चाहिए।

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