सावन का तीसरा सोमवार आज, उज्‍जैन जाएं तो विशेष नाम का जरूर करें जाप, प्रसन्‍न होंगे बाबा महाकाल

आज सावन माह का तीसरा सोमवार है। शिव मंदिरों में भक्‍तों की भीड़ उमड़ रही है। वहीं, उज्‍जैन स्थित श्री महाकानेश्‍वर मंदिर में भी आज बड़ी संख्‍या में भक्‍त पहुंच रहे हैं। मान्‍यता है कि ज्योतिर्लिंग के इर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है। वैसे तो महाकाल दर्शन के दौरान मंदिर प्रांगण में ओम नमः शिवाय और महाकाल के नाम का जप किया जाता है, लेकिन एक ऐसा नाम भी है, जिसके जप से बाबा महाकाल भक्त पर जल्दी प्रसन्न होते हैं।

कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय के अनुसार, महाकाल मंदिर में राधा वल्लभ लाल के नाम का जप से बाबा महाकाल जल्द प्रसन्न होते हैं। ऐसे में महाकाल मंदिर में दर्शन के समय राधा वल्लभ लाल की जय जरूर बोलना चाहिए।

क्यों जपना चाहिए यह नाम

कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय बताते हैं कि राधा वल्लभ लाल बाबा महाकाल के निज ठाकुर है। यानी जिस तरह से हम लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं और वृंदावन में श्रीकृष्ण को अलग-अलग ठाकुर के रूप में पूजा जाता है, ठीक उसी प्रकार बाबा महाकाल के निज ठाकुर राधा वल्लभ लाल है। उनके नाम जप से बाबा महाकाल के नेत्र खुल जाते हैं और वे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का महत्व

उज्जैन स्थित महाकालेश्वर भगवान शिव का प्रमुख और तीसरा ज्योतिर्लिंग है। मान्‍यता है कि भक्तों की रक्षा के लिए यह ज्योतिर्लिंग धरती फाड़कर प्रकट हुआ था। यह एकमात्र त्र ज्योतिर्लिंग है, जो दक्षिण मुखी है। इसका तंत्र साधना के लिहाज से भी विशेष महत्व है। मान्‍यता है कि बाबा महाकाल के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कैसे हुई थी स्थापना

हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार, रत्न माल पर्वत पर दूषण नामक राक्षस रहता था और धर्म का पालन कर रहे लोगों को परेशान करता था। इसके साथ ही वह उज्जैन के ब्राह्मणों पर भी आक्रमण करने लगा और कर्मकांड में बाधा डालने लगा। राक्षस से त्रस्त होकर ब्राह्मणों ने भगवान शिव से दूषण से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की। इसके बाद भगवान शिव धरती फाड़कर प्रकट हुए और दूषण राक्षस को भस्म कर दिया। भक्तों के आग्रह पर भगवान शिव स्थापित हो गए और कालांतर में महाकाल कहलाए।

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