असम ग्रामीण विकास बैंक के तीन प्रबंधकों समेत चार पर CBI ने कथित धोखाधड़ी का मामला किया दर्ज
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने असम ग्रामीण विकास बैंक में कार्यरत तीन तत्कालीन सहायक प्रबंधकों और एक तत्कालीन कार्यालय सहायक (बहुउद्देश्यीय) सहित चार आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और धोखाधड़ी से बैंक को नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
आरोपियों की पहचान प्रशांत बोरा, तत्कालीन सहायक प्रबंधक, प्रियंक्षु पल्लभ गोगोई, तत्कालीन सहायक प्रबंधक, सोहन दत्ता, तत्कालीन सहायक प्रबंधक और सत्यजीत चालिहा, तत्कालीन कार्यालय सहायक (बहुउद्देश्यीय) के रूप में हुई है। सभी असम के जोरहाट जिले में माधापुर शाखा के असम ग्रामीण विकास बैंक में कार्यरत थे।
आरोप है कि उक्त षडयंत्र के अनुसरण में, आरोपी ने बेईमानी और धोखाधड़ी से, फर्जी स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ऋण खातों में धनराशि स्वीकृत और वितरित की तथा उससे प्राप्त राशि को आरोपियों में से एक, तत्कालीन सहायक प्रबंधक के बचत बैंक खाते और अन्य बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया।
इस प्रकार आरोपियों ने बैंक को कथित रूप से 8.28 करोड़ रुपये (लगभग) का गलत नुकसान पहुंचाया और खुद को इसी अनुपात में लाभ पहुंचाया।
सीबीआई ने असम में सात स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें जोरहाट, तिनसुकिया और डिब्रूगढ़ में आरोपियों के आवासीय और आधिकारिक परिसर तथा पश्चिम बंगाल में एक स्थान शामिल है, जहां से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। मामले को लेकर लगातार जांच जारी है।
इसके अलावा, सीबीआई ने राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक (आरएमजीबी) के दो शाखा प्रबंधकों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों पर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण स्वीकृत करके सरकारी खजाने से धन निकालने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
एजेंसी 3 करोड़ रुपये से ज्यादा के केसीसी लोन धोखाधड़ी के कई मामलों की जांच कर रही है। एफआईआर में नामजद आरोपी शाखा प्रबंधक शील कुमार और सहायक प्रबंधक सतीश नंदा हैं। दोनों जैसलमेर जिले में सत्यया शाखा में कार्यरत थे।