दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना में 2.35 लाख से ज्यादा युवा हुए प्रशिक्षित, 1.25 लाख को मिला रोजगार

  • ग्रामीण युवाओं का भविष्य सुधारने के लिए यूपी में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का सफलपूर्वक किया जा रहा संचालन
  • योगी सरकार योजना के तहत ग्रामीण युवाओं की क्षमता को पहचानकर उन्हें उनकी रुचि के आधार पर रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रही
  • बीपीएल सूची में शामिल परिवारों के 15-35 आयुवर्ग के सदस्यों, 15-45 वर्ष की महिलाओं, मनरेगा श्रमिकों, बेरोजगारों, अल्प शिक्षित या स्कूल ड्रॉपआउट को लक्षित कर रही योजना

लखनऊ, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा संचालित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत योगी सरकार ग्रामीण युवाओं की क्षमता को पहचानकर उन्हें उनकी रुचि के आधार पर रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। इस योजना के तहत अब तक 2,35,334 ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है और 1,25,822 युवाओं को सेवायोजित किया गया है। यह योजना विशेष रूप से बीपीएल सूची में शामिल परिवारों के 15-35 आयुवर्ग के सदस्यों (महिलाओं के लिए 15-45 वर्ष), मनरेगा के श्रमिकों, बेरोजगारों, अल्प शिक्षित अथवा स्कूल ड्रॉपआउट को लक्ष्य बनाती है। उल्लेखनीय है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 98वें जन्मदिवस के अवसर पर भारत सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना का उद्देश्य गरीब ग्रामीण युवाओं को नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ना है। उत्तर प्रदेश में यह योजना उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा संचालित की जा रही है।

युवाओं को प्रदान किया जा रहा विभिन्न रोजगारपरक कोर्सेज में प्रशिक्षण

प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि इस योजना के तहत, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन ग्रामीण युवाओं की क्षमता को पहचानकर उन्हें उनकी रुचि के आधार पर रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। युवाओं को आधुनिक कक्षाओं और लैब में प्रशिक्षण के साथ-साथ नि:शुल्क आवास, भोजन, प्रशिक्षण सामग्री, यूनिफॉर्म आदि की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। विभिन्न विषयों जैसे अपैरल, ऑटोमोटिव, ब्यूटी एंड वेलनेस, कैपिटल गुड्स, कंस्ट्रक्शन, डॉमेस्टिक वर्क्स, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, फूड प्रॉसेसिंग, ग्रीन जॉब्स, लेदर, आईटी-आईटीईएस, लॉजिस्टिक्स, पावर, रिटेल, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, टेलीकॉम, टेक्सटाइल, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी आदि के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल्स भी सिखाई जा रही हैं।

विकसित गांव, विकसित प्रदेश का सपना हो रहा साकार

इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें अपने हुनर से स्वाबलंबी बनाकर विकास के कीर्तिमान स्थापित करने में सक्षम बनाना है। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले युवाओं को कौशल से जोड़कर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से कौशल से सशक्त बन रहे युवा बेहतर कल का निर्माण कर रहे हैं, जिससे विकसित गांव और विकसित प्रदेश का सपना साकार हो रहा है।

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