जालसाज ने पुलिस से भी कर दी ठगी, आरोपी से बन गया फरियादी, जानिए पूरा मामला

गोरखपुर के जालसाज पंकज जायसवाल ने आम आदमी ही नहीं, पुलिस से भी ठगी कर ली। फरवरी में एसपी के निर्देश में जांच के बाद कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जमीन के नाम पर 12 लाख की जालसाजी करने के आरोपी पंकज को पुलिस ने खोजना शुरू किया तो उसने पुलिस को ही गुमराह कर दिया। पहले तो चौरीचौरा केस में कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ले लिया और फिर एम्स थाने में 22 अप्रैल को चौरीचौरा थाने के पीड़ित पर ही जालसाजी का केस दर्ज करा दिया। लेकिन इसी बीच इसकी भनक पुलिस को लग गई। उधर, एसपी ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए दर्ज कराए गए गलत केस को खत्म करने का निर्देश दिया है। पुलिस पंकज की तलाश कर रही है।

दरअसल, एम्स इलाके के रुद्रापुर निवासी महेश कुमार गुप्ता ने एसपी सिटी को जमीन और दुकान के नाम पर ठगे जाने का आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र दिया। प्रार्थना पत्र पर एसपी के आदेश पर जांच शुरू की गई तो पता चला कि पंकज जायसवाल ने मन्नू निषाद, अखिलेश, उदयभान और राजकुमार की मदद से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जमीन के नाम पर रुपया ले लिया। रुपये भी खाते और चेक से लिए गए। इसमें मन्नू को काश्तकार बताकर उसके नाम पर भी चेक लिए गए थे। जांच के बाद चौरीचौरा थाने में केस दर्ज किया गया।

पुलिस ने तलाशना शुरू किया तो पंकज जायसवाल ने कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ले लिया। इसी बीच उसने बड़ी चालाकी से एम्स थाने में 22 अप्रैल को क्राइम नंबर 189 पर जालसाजी, रुपया हड़पने और धमकाने का केस दर्ज कराया। उसने बताया कि महेश गुप्ता ने जमीन के नाम पर जालसाजी की। उसने चेक मन्नू के नाम पर दिया है, जो जमीन का काश्तकार है। अब मामला खुलने पर पुलिस अपनी गलती को सुधारने के साथ ही आरोपी पंकज जायसवाल तलाश रही है। वहीं उसके साथी मन्नू निषाद को चौरीचौरा पुलिस ने 28 अप्रैल को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

क्‍या बोली पुलिस 

गोरखपुर एसपी सिटी कृष्‍ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। फर्जी तरीके से गुमराह करके दर्ज कराए गए केस को खत्म किया जाएगा। आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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