दोपहर के समय भूलकर भी न जाएं मंदिर, जानें क्या कारण…

सनातन धर्म में माना गया है कि सभी भक्तों को रोज मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन करने चाहिए। ऐसा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। जीवन में सकारात्मकता आती है। हालांकि मंदिर के लिए सुबह और शाम के ही समय को ठीक माना गया है। दोपहर के समय मंदिर जाना गलत बताया गया है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने इसके पीछे के कारण को बताया है।

दोपहर में मंदिर जाना क्यों है वर्जित?

दोपहर के समय मंदिर न जाने का पहला कारण यह है कि दोपहर में शरीर में जबरदस्त आलस्य होता है। ऐसे में जब हमें नींद आ रही हो, तब मंदिर में भगवान के दर्शन करना ठीक नहीं माना जाता है।दूसरा कारण यह है कि दोपहर के समय भगवान भी आराम कर रहे होते हैं। वह भी निद्रा में होते हैं, इसलिए मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। ऐसे में भगवान के दर्शन करने जाकर उनकी निद्रा में खलल डालने के समान माना जाता है।

तीसरा कारण यह है कि मंदिर में सुबह व शाम के समय इंसान व पवित्र जीव भगवान के दर्शन करने आते हैं। दोपहर के समय उनके दर्शन अतृप्त आत्माएं करती हैं। यह वहां जाकर अपनी मुक्ति की भगवान से भीख मांगती हैं। ऐसे में मंदिर जाकर इन अदृश्य शक्तियों और भगवान के बीच होने वाली भेंट में बाधा पैदा करने के समान माना जाता है।

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