MP के मुरैना में दो दर्जन से ज्यादा मोरों की मौत, वन विभाग में मचा हड़कंप
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के बानमोर क्षेत्र के सिकरौड़ी गांव में 14 राष्ट्रीय पक्षी मोरों की मौत से वन विभाग हैरान है। बताया जाता है कि बानमोर क्षेत्र के सिकरौड़ी गांव में देर रात को अचानक ही राष्ट्रीय पक्षी मोरों की मौत होना शुरू हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम को वहां 14 मोरों के शव पड़े मिले। इसके साथ ही तीन मोर गंभीर हालत में थी। इन्हें पशु चिकित्सक बुलाकर जांच कराई गई। हालत गंभीर होने पर इन्हें मुरैना पशु अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया।
मृत मोरों का बुधवार की सुबह पोस्टमार्टम हुआ। इससे मौत की वजह पता चली। बताया जाता है कि मोरों के पेट व छोटी आंत में इंफेक्शन था। ऐसा दूषित पानी या भोजन लेने से होता है। मामले में वन विभाग की लापरवाही भी सामने आ रही है। विभाग के कर्मचारी समय रहते अगर इन मोरों को अस्पताल ले जाते तो उनको बचाया जा सकता था। तीन मोरों का इलाज चल रहा है। उनकी हालत गंभीर है।
चूंकि हाल ही में आंध्र प्रदेश में बर्ड फ्लू का प्रकोप देखने मिला है, इसलिए मोरों की मौत पर बर्ड फ्लू की आशंका जताई जा रही थी। आनन-फानन में पशु चिकित्सक डॉ. अनिल सोलंकी को बुलाया गया। डाक्टर ने गंभीर रूप से बीमार मोरों को मुरैना के पशु अस्पताल में भेजा। मृत मोरों का पीएम किया तो सामने आया है कि इनकी मौत गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट व छोटी आंत का संक्रमण) की वजह से हुई है। वन विभाग के अधिकारी पता लग रहे हैं कि मोरों की मौत का असल कारण क्या है।
क्या किसी ने खाने में इन्हें जहर तो नहीं दिया है। वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा इसकी भी जानकारी आसपास के इलाकों से जुटाई जा रही है। हाल ही में इसी इलाके में शिकारियों ने मोरों का शिकार किया था। उस समय एक दर्जन से अधिक मोर मृत पाए गए थे। हाल ही में छतरपुर जिले में एक दर्जन से ज्यादा मोरों की मौत हो गई थी। खजुराहो से सटे राजनगर थाना क्षेत्र के नादगांव में खेतों में जगह-जगह मोरों के शव पाए गए थे। छानबीन में पाया गया कि मोरों की मौत ओले पड़ने की वजह से हुई थी।