RSS संस्थापक हेडगेवार के स्मारक पर निमंत्रण के बाद भी नहीं पहुंचे अजित पवार, पार्टी दी ये प्रतिक्रिया

अजित पवार का नेतृत्व वाला एनसीपी गुट भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के साथ महाराष्ट्र सरकार में भागीदार है। इधर कुछ समय से मुद्दों को लेकर एनसीपी और भाजपा के बीच का विरोध खुलकर सामने आ रहा है। ताजा मामले में एनसीपी (अजित पवार गुट) को भाजपा ने नागपुर में आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार के स्मारक पर आने का न्यौता दिया था, लेकिन उनके गुट ने इससे दूरी बनाई।

अजित पवार को भाजपा ने नागपुर के रेशिमबाग में आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक एमएस गोलवलकर के स्मारक पर जाने का आमंत्रण दिया था। दरअसल, भाजपा ने अपने सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगियों शिवसेना और एनसीपी को निमंत्रण दिया था।

हर साल हेडगेवार स्मारक पर जाते हैं भाजपा नेता

भाजपा के मंत्री और विधायक हर साल राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान हेडगेवार और गोलवलकर के स्मारक पर जाते हैं। इस बीच मंगलवार सुबह बीजेपी के कई नेता, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और विधायक हेडगेवार स्मृति मंदिर पहुंचे।

स्मारक पर नहीं जाना हमारा अधिकार है- पावर गुट

हेडगेवार के स्मारक पर नहीं जाने मीडिया से बात करते हुए अजीत पवार खेमे के एमएलसी अमोल मिटकारी ने कहा, “वहां न जाना और दौरा नहीं करना हमारा अधिकार है। यह हर पार्टी का विशेषाधिकार है कि वह किसी विशेष स्थान का दौरा करे या नहीं।”

शिंदे गुट ने किया स्मारक का दौरा

एनसीपी के एक पदाधिकारी ने कहा, “यह सच है कि एनसीपी को भाजपा ने आमंत्रित किया था लेकिन वहां कोई नहीं गया।” वहीं, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेताओं समेत स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, पार्टी विधायक भरत गोगावले और मनीषा कायंदे सहित अन्य ने केबी हेडगेवार और एमएस गोलवलकर के स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

बता दें कि भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक आशीष शेलार ने शिवसेना और अजित पवार गुट के सभी मंत्रियों और विधायकों को पत्र भेजकर कहा था कि आप सभी की उपस्थिति अनिवार्य है।

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