यूक्रेन आर्मी चीफ के बयान पर भड़के राष्ट्रपति जेलेंस्की, जानिए पूरा मामला

फरवरी 2021 से यूरोप में शुरू हुए महायुद्ध को दो साल होने वाले हैं।  रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी इस लड़ाई में नतीजा अभी भी आना बाकी है। रूस अहम की लड़ाई लड़ रहा है तो यूक्रेन खुद के अस्तित्व को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है। इस कत्लेआम में दोनों खेमों से लाखों की संख्या में लोग मारे जा चुके हैं। अकेले रूस ने अपने 3 लाख लड़ाकों को गंवा दिया। यूक्रेन को इस लड़ाई में दोहरी मार झेलनी पड़ी है। सैनिकों की बड़ी संख्या में मौत के अलावा उसकी खूबसूरत धरती श्मशान घाट में तब्दील हो चुकी है। हर तरफ तबाही के निशान हैं। इस महा भयंकर युद्ध के बीच यूक्रेन के आर्मी चीफ जनरल जालूंजी ने ऐसी बात कह दी जो यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडोमिर जेलेंस्की को बिल्कुल पसंद नहीं आई। यूक्रेनी राष्ट्रपति को यह तक कहना पड़ा कि रूस की मदद करना बंद करो। 

दरअसल, इसी साल नवंबर महीने में जनरल जालूंजी ने चौंकाने वाला बयान दिया कि इन दिनों रूस और हमारे बीच युद्ध गतिरोध में फंसा हुआ है। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से देखा जाए तो रूस और यूक्रेन दोनों देशों की सेनाएं एक जैसे ड्रोन और सर्विलांस का यूज कर रहे हैं। इस वजह से युद्ध जस का तस बना हुआ है। हमे एक-दूसरे की स्थिति और रणनीति के बारे में लगातार पता चल रहा है। ऐसा ही चलता रहा तो यह युद्ध आगे नहीं बढ़ पाएगा। 

जालूंजी ने आगे कहा कि  हमे इस युद्ध में रूस से आगे निकलने के लिए उससे हाई तकनीक वाली मशीनों की जरूरत होगी। तब ही हमारे लिए युद्ध में अच्छी स्थिति संभव हो पाएगी। जायूंजी के इस बयान को यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडोमिर जेलेंस्की को नाराज कर दिया है।

जेलेंस्की क्या बोले

जालूंजी के इस बयान ने यूक्रेन के उच्च अधिकारियों को नाराज कर दिया है।  राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से एक बयान जारी कर मामले में सफाई देनी पड़ी कि युद्ध में कोई गतिरोध नहीं है। साथ ही जेलेंस्की ने जालूंजी पर आरोप लगाया कि वे रूस का काम आसान कर रहे हैं। उन्हें रूस की मदद करना बंद कर देना चाहिए।

युद्ध की अभी क्या स्थिति है

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को दो साल पूरे होने वाले हैं लेकिन, नतीजा अभी भी सिफर है। इस बीच खबर यह है कि यू्क्रेनी लड़ाके रूसी सैनिकों पर लगातार भारी पड़ रहे हैं। इससे रूस में बौखलाहट है। जानकारी मिली है कि यूक्रेन ने बखमुत और जोपराजिया में सफलता पा ली है। इसके अलावा हाल में खेरसॉन इलाके में भी यूक्रेन की सेना रूसियों पर भारी पड़ रही है। खेरसॉन क्रीमिया के काफी नजदीक है। इसने रूस के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। बता दें कि फरवरी 2021 में जब रूसी सैनिकों ने यूक्रेन पर चढ़ाई की थी तो उसे लग रहा था कि वह कुछ ही महीनों में यूक्रेन पर कब्जा कर लेगा लेकिन, अमेरिका समेत कई देशों की मदद से यूक्रेन रूस पर भारी पड़ रहा है। 

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