छपरा के इस स्‍कूल में 330 छात्राएं और 11 महिला टीचर, फिर भी शौचालय की व्यवस्था…

छपरा का एक ऐसा विद्यालय जहां छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है और महिला टीचरों की संख्या लगभग शिक्षकों के बराबर है, बावजूद इसके इस विद्यालय में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। मशरक नगर पंचायत स्थित आदर्श मध्य विद्यालय की यह दशा है। यहां विद्यालय में छात्राएं 330, महिला अध्यापकों की संख्या 11 है लेकिन फिर भी शौचालय की सुविधा नहीं है।

जो शौचालय पहले बना था, वह काफी जर्जर हालत में है और आसपास जंगल-झाड़ उग आया है। यानि पूरी तरह से बेकार हो गया है। छात्राओं को शौचालय के लिए शिक्षिकाओं के घर का सहारा लेना पड़ता है। वहीं अधिकारी बीआरसी भवन में सुविधा होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। इसी विद्यालय के कैंपस में बीआरसी कार्यालय भी है।

 छात्रों की संख्या 645, सुविधा का भारी अभाव

जहां प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भी बैठते हैं। लेकिन फिर भी इस विद्यालय में पीने के लिए पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं है। जानकारी के अनुसार मशरक के विद्यालय में कुल छात्रों की संख्या 645 है। जिनमें छात्राओं की संख्या 330 है। वहीं इस विद्यालय में शिक्षकों की कुल संख्या 19 है। जिनमें शिक्षिकाओं की संख्या 11 है।

विद्यालय में इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं के होने के बावजूद भी विद्यालय में शौचालय नहीं होना शिक्षा विभाग पर बड़ा सवाल उठाता है। इस विद्यालय में पुराने शौचालय को खराब हुए 11 वर्ष हो गए हैं, लेकिन विभाग की अभी भी नींद नहीं खुली है। इसको लेकर शिक्षिकाओं और छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस विद्यालय परिसर में एक हैंडपंप भी है, जिसके बारे में यह बताया जाता है कि कुछ साल पहले उस(हैंडपंप) चापाकल में सांप घुस गया था।

अधिकारी भवन का टॉयलेट उपयोग करने पर पड़ती है डांट

वह मरने के बाद कई टुकड़ों में पानी के सहारे बाहर निकला। उसके बाद से ही उस लगे हुए हैंडपंप से कोई पानी नहीं पीता है। इस विद्यालय परिसर में बने बीआरसी भवन में शौचालय और उसी की पानी की टंकी के एक कनेक्शन से छात्र-छात्रा पानी पीते हैं, जबकि बीआरसी भवन का ही शौचालय उपयोग करते हैं। उसको लेकर भी छात्राओं को डांट पड़ती है।

आदर्श मध्य विद्यालय का अपना शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। फिलहाल सभी छात्र- छात्रा, शिक्षक-शिक्षिका बीआरसी के शौचालय का प्रयोग करती हैं। विद्यालय में शौचालय निर्माण के लिए अनुमंडल और जिला मुख्यालय को कई बार रिपोर्ट की गई है। साथ ही विद्यालय में जांच के दौरान आने वाली टीम को भी इस समस्या से अवगत कराया गया है।

डा.वीणा कुमारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, मशरक

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