राज्य सरकार ने 26 और अधिवक्ताओं को HC पैनल में किया शामिल, तीसरी सूची के बाद 65 के पार हुई संख्या

राज्य सरकार ने 26 और अधिवक्ताओं को हाई कोर्ट के सरकारी पैनल में शामिल किया है। तीसरी सूची के बाद सरकारी अधिवक्ताओं की संख्या 65 से अधिक हो गई है। 29 अगस्त की शाम को प्रमुख सचिव विधि एवं न्याय नरेंद्र दत्त के हस्ताक्षर से सूची जारी की गई है।

इसमें हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष केएस बोरा को डिप्टी एडवोकेट जनरल क्रिमिनल, केएस मेहता, राजीव बिष्ट व केके साह को अतिरिक्त मुख्य स्थाई अधिवक्ता, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव जयवर्धन कांडपाल, देवेंद्र बोरा, अनिल कुमार बिष्ट, राजेश पांडे व देवेंद्र पंत को स्टैंडिंग काउंसिल बनाया गया है।

जल्द एक और सूची जारी होने की संभावना

विजय सिंह पाल, एससी दुम्का, देवेंद्र सिंह, भास्कर जोशी, मृत्युंजय कुमार चंद, एमए खान को सहायक शासकीय अधिवक्ता, सौरभ पांडे, विपुल पैन्यूली, संदीप शर्मा, राकेश नेगी, अक्षय लटवाल, मीनाक्षी शर्मा को ब्रीफ होल्डर क्रिमिनल तथा भूपेंद्र कोरंगा, दीपक भारद्वाज, पान सिंह बिष्ट, रजनी सुयाल, भारत भूषण तिवारी को ब्रीफ होल्डर सिविल नियुक्त किया गया है। जल्द एक और सूची जारी होने की संभावना है।

सोच समझकर बनाया जा रहा पैनल

प्रदेश की धामी सरकार की ओर से हाई कोर्ट में सरकारी अधिवक्ताओं के पैनल को लेकर गंभीरता से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। ताजा सूची में अधिवक्ताओं के वैचारिक पृष्ठभूमि को भी महत्व मिला है। राज्य बनने के बाद पहली बार जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में शामिल व हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के संस्थापक स्व. एडवोकेट गोविंद सिंह बिष्ट के पुत्र राजीव बिष्ट को अतिरिक्त सीएससी बनाया गया है।

पूर्व जिलाध्यक्ष बिष्ट पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के करीबी रहे। सूची में अधिकांश अधिवक्ता संघ या भाजपा की विचारधारा के समर्थक माने जाते हैं। वरिष्ठता व अनुभव के साथ ही विधि से संबंधित विविध मामलों में विशेषज्ञ अधिवक्ताओं को तवज्जो दी गई है।

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